गंगा के बढ़ते जल स्तर के चलते 15 सितंबर तक नाव संचालन पर लगा प्रतिबंध

गंगा के बढ़ते जल स्तर के चलते 15 सितंबर तक नाव संचालन पर लगा प्रतिबंध

वाराणसी। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण वाराणसी के 84 घाट गंगा के आगोश में समा चुके हैं। बढ़ते जलस्तर की वजह से सभी प्रकार के नावों और बोट का संचालन आज से बंद कर दिया गया हैं। 

गंगा के पुत्र कहे जाने वाले नविक कुछ महीनों तक बिना रोजी-रोटी के है। फिलहाल तो गंगापुत्रों के आगे रोजी रोटी का संकट शुरू हो जाएगा क्योंकि वाराणसी के जिलाधिकारी ने बाढ़ को देखते हुए नौका विहार की सवारी पर 15 सितम्बर तक प्रतिबंध लगा दिया है। 

आपको बता दें कि छोटे बड़े 50 हजारों परिवारों का पेट नवका संचालन से चलता था जिनपर अब पर विराम लगा गया है। 

गंगा प्रतिदिन चार सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। काशी में वार्निंग लेबल 70.26 है, वही डेंजर लेबल 71.262 मीटर है। बुधवार को वाटर लेबल 65.79 मीटर तक पहुंच गया है।

जल पुलिस लगातार घाटों पर गश्त कर रही है। किसी भी पर्यटक और दर्शनार्थियों को नाविकों को नाव पर न बैठाने की हिदायत दी गयी है।

बनारस नौकायन सेवा समिति के अध्यक्ष शंभू साहनी ने बताया कि राजघाट से अस्सी घाट के बीच करीब 1800 से अधिक नाव और मोटर बोट चलती है।

गंगा उस पार से जो लोग आते जाते थे, उनको अब दिक्कत होगगी। साथ ही गंगा किनारे होने वाले धार्मिक आयोजनों पर भी प्रभाव पड़ेगा।

50 हजार से ज्यादे लोग,नाविक,मछुआरा,गोताखोर,नाव पर फूल माला बेचने वाले प्रभावित होंगे।

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Vikas Srivastava

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