विद्युत कर्मचारियों के सामने झुकी योगी सरकार, 3 बाद होगी समीक्षा
विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ पूरे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर थे।
मामला इतना बिगड़ गया कि कर्मचारियों ने सभी प्रकार की बिजली आपूर्ति सेवाओं को ठप करने का फैसला लिया।
विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ लगभग 15 लाख कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया।
विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल के कारण कई सब स्टेशनों पर काम न होने की वजह से कई शहरों में बिजली सप्लाई ठप पड़ गयी। जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानी झेली पड़ी।
आखिरकार बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को देखते हुए योगी सरकार ने विद्युत निगम के निजीकरण के फैसले को फ़िलहाल स्थगित कर दिया।
अब इस मामले में 3 महीने बाद फिर से समीक्षा की जाएगी।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों और बिजली विभाग के बीच लम्बी और अहम बैठक के बाद ये फैसला लिया गया।
इस मामले में यूपी सरकार होने वाले सुधारों के मुताबिक आगे की रुपरेखा तैयार करेगी।
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