काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में नया पक्ष आया सामने, दर्ज हुआ एक और मुकदमा
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में एक नया पक्ष सामने आया है।
इस पक्ष की ओर से सिविल कोर्ट में काशी विश्वनाथ को मुक्त कराने के लिए नया मुकदमा दर्ज किया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित श्रृंगार गौरी और आदि विशेश्वर की ओर से यह मुकदमा दायर किया गया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि वर्ष में सिर्फ एक बार ही श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति है।
सिविल कोर्ट में यह दावा श्रृंगार गौरी मंदिर की तरफ से दायर किया गया।
इस दावे में ये कहा गया कि ये मामला 22 वर्षों से लंबित है और इसे धर्म स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती देते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।
मामले में कहा गया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों ओर पंचकोस के दायरे में काशी अविमुक्त क्षेत्र है और यहां की अधिष्ठात्री देवी श्रृंगार गौरी है।
डॉ राम बिहारी द्विवदी ने कहा कि ये ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि ज्ञानवापी मंदिर है जिसे खंडित किया गया था।
उन्होंने कहा कि ये सारी जमीन काशी विश्वनाथ मंदिर की है।
सिविल कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गयी है कि आदि विशेश्वर और देवी श्रृंगार गौरी की अनवरत से पूजा के अधिकार फिर से बहाल किया जाय।
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