बनारस की हवा में घुल रहा जहर,धवनि प्रदूषण भी बढ़ा
वाराणसी। शहर में बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
1 दिसंबर को बनारस का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 261 था।
मानकों के अनुसार AQI 50 से 100 के बीच होना चाहिए।
इसके अलावा मिट्टी में जैविक तत्वों व जीवांश की मात्रा भी 0.4 से 0.5 फीसदी के करीब पहुंच गयी है, जो सामान्य तौर पर 0.8 फीसदी होना जरुरी है।
मिट्टी में रासायनिक उर्वरकों की वजह से पीएच घटता जा रहा है।
शहर में वाहनों के शोरगुल के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
शहर में वाहनों का दबाव पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गया है जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण का स्तर 90 डेसिबल पार कर चुका है, जबकि इस स्तर सामान्य क्षेत्रों में 65 और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक्तम 70 होना चाहिए।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार 1 दिसंबर के आकड़ों के अनुसार विश्व सुंदरी पुल के पास गंगा के अपस्ट्रीम में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा 8.5 है और डाउन स्ट्रीम 7.5 है।
एक सप्ताह पहले यह 8.8 पर था, जबकि देव-दीपावली में स्टीमर व बोटिंग से ऑक्सीजन की मात्रा घटी है।
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