जानिए अयोध्या में 20 हजार कारीगरों के द्वारा बनने वाले राम मंदिर की खासियत
लगभग 35 सालों से लटके अयोध्या मंदिर के मामलें में फैसले के बाद से ही मंदिर बनाने की नींव रखने की तैयारियां चल रही थी। पहली बार यह मामला अदालत की दहलीज पर 1885 में पहुंचा था।
आपको बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर के मॉडल पर कोर्ट के आदेश के पहले से ही काम हो रहा था। विश्व हिन्दू परिषद ने कोर्ट के आदेश आने के 30 साल पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थी।
आइये जानते है राम मंदिर की खासियत
फिलहाल तो नागर शैली से बनने वाले इस राम मंदिर में लगभग 100 करोड़ का खर्च आना है और लगभग 20 हजार कारीगर प्रतिदिन यदि 10-10 घंटे इस मंदिर के निर्माण कार्य में लगे रहे तो लगभग ढाई साल में यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि राम मंदिर का डिजाइन लगभग छह बार तैयार किया गया था।
इस मंदिर के डिजाइन को तैयार होने में लगभग 6 महीने लगे और 6 बार अलग-अलग तरीके से डिजाइन तैयार किया गया। इसके बाद सिंघल और उनकी टीम को नागर शैली से बना डिजाइन पसंद आया।
अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर का गर्भगृह अष्टकोण ही होगा इसकी परिक्रमा वृत्ताकार होगी। दो मंजिल में भूतल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर राम दरबार का निर्माण किया जाएगा।
इस मंदिर के खंभों पर देवी देवताओं की आकृतियां उकेरी जाएंगी।
इस राम मंदिर के निर्माण की खास बात यह भी है कि इस मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस मंदिर की चौड़ाई लगभग 150 फीट , लंबाई 270 फीट तक होगी और मंदिर के गुंबदों की ऊंचाई भी 270 फीट होगी।
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