बंगाल में कौन होगा भाजपा का मुख्य प्रचारक, क्यों गूंज रहा है, राजनीतिक गलियारों में सौरव गांगुली का नाम?
2019 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस पार्टी को, कड़ी टक्कर दी थी।
ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा भी पीछे नहीं रहना चाहती।
कई बार खबरों में यह चर्चा का विषय रहा है कि क्या सौरव गांगुली को भाजपा राजनीतिक दल में उतार कर पश्चिम बंगाल के लिए उन्हें अपना प्रचारक बनाएगी। सौरभ गांगुली भारत के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान रह चुके हैं और वे भारत के क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर नियुक्त है।
सौरभ गांगुली पूरे देश भर में जाने-माना हस्ती है और वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं ऐसे में यदि भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करते हैं तो यह भाजपा के लिए बहुत बड़ी बाजी होगी।
किंतु इस विषय पर सौरभ गांगुली ने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट की माने तो सौरभ गांगुली राजनीति में उतरने की कोई अभिलाषा नहीं रखते और उन्होंने भाजपा को इस प्रस्ताव के लिए मना भी कर दिया है।
द टेलीग्राफ के हवाले से यह खबर आई थी कि सौरभ गांगुली ने साफ तौर पर राजनीति में भाग लेने से मना कर दिया है और वे एक क्रिकेट प्रशासक के रूप में खुश है।
उनके इनकार के बाद, भाजपा की तरफ से उनके ऊपर कोई दबाव नहीं डाला गया है। लेकिन खुद सौरभ गांगुली के तरफ से अभी कोई भी बयान नहीं आया है।
2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक सूत्र ने बताया था कि “सौरभ गांगुली के ऊपर अभी ढेर सारी जिम्मेदारियां हैं, और यदि वे भाजपा का चेहरा बनते हैं तो यह बहुत ही गर्व की बात है किंतु वे उनकी भी भावनाओं को समझते हैं, और किसी पर भी दबाव नहीं हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी ने ममता की तृणमूल को बहुत बड़ा झटका दिया था किंतु 2020 के अंत तक कोरोनावायरस, और एनआरसी (National register of citizens) ,गिरती हुई जीडीपी को देखते हुए राजनीतिक रुख भाजपा से छूटता दिख रहा है।
ऐसे में भाजपा जरूर चाहेगी कि वे पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में किसी ऐसे चेहरे को प्रचार के लिए उतार सकें कि जिन से ना सिर्फ भाजपा की जीत हो बल्कि पार्टी का गौरव पूरे देश में बढ़े।