अपनों की मदद के लिए की नयी शुरुवात, आपदा को अवसर में बदला 

अपनों की मदद के लिए की नयी शुरुवात, आपदा को अवसर में बदला 

वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था, तो बड़े-बड़े महानगरों के कंपनियों में काम करने वाले छोटे शहर के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

एक तो उन्हें अपने घर वापस आने में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ा तो वही कंपनियों को हुए भारी भरकम नुकसान के चलते उनकी छटनी करनी पड़ी।

ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से आपदा को अवसर में बदलने और आत्मनिर्भर भारत का मूल मंत्र देशवासियों को दिया उसके बाद लोगों के आपसी मदद की भावना में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

इसी का ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के एक समाजसेवी ने पेश किया है। देखिये खास रिपोर्ट

बीतें कई वर्षों से समाज सेवा में लगे लेकिन चमक-दमक के दुनिया से दूर वाराणसी के समाजसेवी दिनेश कुमार मौर्य ने अब तक न जाने कितने लोगों की मदद की है, मगर कभी भी इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया।

ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ यानी स्थानीय चीजों को अधिक महत्व देने के संदेश ने अरबन डेयरी की शुरुआत की है।  

इस डेयरी में जहां स्थानीय ग्रामीणों को काम दिया जा रहा है, तो वहीं क्षेत्र के किसानों को महत्व देते हुए यह डेयरी किसानों द्वारा लाए हुए दूध को उचित मूल्य पर खरीदने का काम भी करती है।

अरबन डेयरी प्रोजेक्ट के बारे में समाजसेवी दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि इस डेयरी को लगाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि स्थानीय ग्रामीण लोगों को रोजगार के लिए अपने परिवार से दूर ना जाना पड़े।

जिस तरीके से लॉकडाउन के दौरान रोजगार को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था, तभी उन्होंने सोचा कि अपने शहर अपने गांव में कुछ ऐसे काम की शुरुआत की जाए, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ किसानों की भी मदद हो।

इसलिए उन्होंने वाराणसी के जंसा क्षेत्र के खेमापुर, गोराई बाजार में डेयरी का प्लांट लगाया।

यहां ग्रामीणों को रोजगार देने के साथ-साथ गांवों के किसानों द्वारा लाए हुए दूध की खरीदी की जाती हैं।

इससे उन्हें आत्म बल मिलता है और जो किसान पहले दो गाय रखते थे अब वह चार गाय रखेंगे।

वह इस बात से सुनिश्चित रहेंगे कि इस डेयरी पर वो रोजाना उचित मूल्य पर अपना दूध बेच सकेंगे।  

इसके साथ ही हम लोग इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ ना हो। दूध की गुणवत्ता की भी हम लोग जांच करते हैं ताकि या दूध मार्केट में जाए तो लोगों को पसंद आए।

अरबन डेयरी के क्वालिटी मैनेजर सूरज पाल ने बताया कि डेयरी में एक लैब भी बनाया गया है, जहां पर तमाम केमिकलों के माध्यम से दूध के गुणवत्ता की जांच की जाती हैं, उसके बाद ही पैकेजिंग की जाती है।

उन्होंने बताया कि क्वालिटी के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाता और यहां का दूध छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी के सेहत के लिए फायदेमंद हो इस बात पर हम लोग जोर देते हैं।  

क्वालिटी मैनेजर ने बताया कि हमारे यहां तीन  प्रकार के दूध तैयार किए जाते हैं इसमें फुल क्रीम ,टोंड मिल्क, डबल टोंड मिल्क शामिल है।

वहीं गौराई बाजार के रहने वाले किसान चंद्रशेखर ने बताया कि गांव में डेयरी लग जाने से हम लोग को काफी फायदा है और हम लोग दूध बेचने के लिए अब इधर उधर भटकना नहीं पड़ता है। 

डेयरी पर हम लोग को सही दाम मिल जाता है, साथ ही जब दूध का बाजार डाउन होता है तब भी हम लोग इस बात से सुनिश्चित हो गए हैं कि इस डेयरी पर हम लोग का दूध बिक जाएगा और दाम भी सही मिलेगा।

ऐसे में गांव के कई किसान है जो अभी डेयरी से जुड़ गए हैं। यहां लोगों को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ ही किसानों के लिए भी यह डेयरी मददगार साबित हो रही है।


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Vikas Srivastava

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