वाराणसी में आयोजित होगा कैनोइंग रोइंग
वाराणसी। कैनोइंग रोइंग खेल की चर्चा आजकल वाराणसी में गुज रही है।
खेल का नाम अंग्रेजी का है, क्योंकि माना जाता है कि अंग्रेजों ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन आसान शब्दों में देखा जाए तो यह खेल नदियों में होता है, इसलिए इसे रिवर खेल के नाम से भी जानते है।
भारत में यह खेल सबसे अधिक दक्षिण भारत में देखने को मिलता है इसलिए इस रिवर खेल को खेलने वाले खिलाड़ी भी दक्षिण भारत के ही ज्यादातर है, क्योंकि दक्षिण भारत समुद्री तट पर है और दक्षिण भारत के केरल राज्य में तो वल्लमकली के नाम से नौका दौड़ भी होती है।
अब यूपी सरकार भी इस रिवर खेल यानी कैनोइंग रोइंग को वाराणसी में आयोजित करने जा रही है। खेल से उन नागरिकों को जोड़ा जाएगा जिन्हें गंगा पुत्र के नाम से सम्मान मिलता है।
क्या है यूपी सरकार का प्लान, इससे नाविकों को क्या होगा लाभ
क्योंकि कैनोइंग रोइंग, सिर्फ खाली एक स्पर्धा नहीं है। हम इसे रिवर खेल या नदी का खेल इसलिए कहते हैं क्योंकि इससे जुड़ी कई सारे खेल जैसे स्विमिंग (तैराकी), नाव दौड़, कयाकिंग, इत्यादि शब्द के नाम से जाना जाता हैं।
दक्षिण भारत में यह खेल लोकप्रिय होने के कारण ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की तरफ से इस खेल में दक्षिण भारतीय खिलाड़ी ही भाग लेते हैं, लेकिन अब यह खेल उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी शुरू होने जा रहा है।
यूपी में भी इस खेल के खिलाड़ियों की खोज होगी। यूपी सरकार ने खेल विभाग से जुड़े सभी मंत्रालयों को राज्य में नदियों के किनारे रिवर खेल की शुरुआत करने की मंजूरी दे दी है ।
इस संबंध में वाराणसी मंडल के क्षेत्राधिकारी आर.पी सिंह ने बताया कि इस खेल की शुरुआत वाराणसी में करने के लिए सरकार द्वारा पत्र मिल चुका है, और यह खेल वाराणसी में जल्द ही शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि खेल के आयोजन के लिए अधिकारियों की बैठक शुरू हो चुकी है और गंगा में इस खेल के शुरू होने के लिए आयोजन जारी है।
इस खेल के लिए गंगा किनारे रहने वाले नाविकों के बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
इसके अलावा जो लोग इस खेल से जुड़ना चाहे वह जुड़ सकते हैं। ऐसा करना न सिर्फ नाविकों के लिए फायदेमंद साबित होगा, बल्कि देश का भी गौरव बढेगा।
इस खेल के जरिए नाविकों को भी एक नई पहचान मिलेगी और उत्तर प्रदेश का नाम भी रोशन होगा।
अंतर्राष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा ने बताया कि क्योंकि गंगा नदी का बहाव अच्छा है और नदी की चौड़ाई भी प्रशंसा जनक है, इसलिए यहां रिवर खेलों का आयोजन आसानी से किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कैनोइंग रोइंग के जरिये देश के खिलाड़ियों को भाग लेने का मौका मिला है, लेकिन यूपी के खिलाड़ी कभी इसका हिस्सा नहीं बने है।
इस खेल के जरिए ना सिर्फ देश के लिए मेडल लाने की कोशिश है, बल्कि उत्तर प्रदेश की खेलों में भागीदारी बढ़ाने की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना भी है।
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