भारत ने खोज निकाला कोरोना का इलाज, आईसीएमआर ने दिखाई हरी झंडी
इटावा। इटावा के सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय ने कुछ दिनों पूर्व में एलोपैथ और आयुर्वेद के घटकों को मिलाकर एक दवा तैयार की जिसका प्रयोग कोरोना के गंभीर मरीजों पर सफल साबित हो रहा है। आईसीएमआर ने इस दवा को बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है।
सैफई के चिकित्सा विश्वविद्यालय में तैयार की गयी इस दवा का नाम राजनिर्वाण बटी है जिसे सैफई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार ने ऋषिकेश के आयुर्वेदाचार्य योगीराज निर्वाण देव के साथ मिलकर शोध करके तैयार की है। इस बात की जानकारी कुलपति प्रो. राजकुमार ने प्रेसवार्ता के माध्यम से दी।
उन्होंने बताया कि इस दवा में आयुर्वेद के 12 और एलोपैथ के 1 घटक को मिलाकर सबसे पहले काढ़ा तैयार किया गया फिर इस काढ़े के सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे बटी के रूप में बनाया गया।
इस बटी का कोरोना के 40 गंभीर मरीजों पर परीक्षण किया गया जिनमे से एक चौथाई मरीजों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। 40 मरीजों में कुछ ऐसे भी मरीज थे जिन्हे गंभीर बीमारी जैसे दमा, शुगर, कैंसर और दिल की बीमारी की शिकायत थी।
इन सभी मरीजों में से 30 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके है उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है जबकि 10 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है। फ़िलहाल इस दवा को तैयार करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हरी झंडी दे दी है।
पहले चरण में ये बटी कोविड-19 के अस्पतालों के लिए बनाई जाएगी। प्रो. राजकुमार ने सीएम योगी और स्वास्थ्य मंत्री को इस दवा की जानकारी दे दी है और उत्तर प्रदश सरकार ने इस दवा को कोविड-19 के अस्पतालों के लिए तैयार करने की अनुमति दे दी है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इस दवा को बाजार के लिए भी तैयार किया जायेगा।
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