कैद में गजराज, देखिये एक और हाथी की कहानी
चंदौली। इन दिनों सोशल मीडिया पर केरल में हुयी हाथी की मौत की खबर ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है, जहां हर तरफ गर्भवती हाथी की मौत पर बॉलीवुड से लेकर पॉलिटिशियन्स तक इंसाफ की मांग कर रहे है, वहीं चन्दौली में भी एक हाथी ऐसा है जिसकी कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।
गौरतलब है कि लगभग 10 माह पहले 26 अक्टूबर 2019 को परनपुरा गांव के एक आदमी रामशंकर सिंह की मौत की सजा काट रहा है, बताया जाता है कि उस वक्त महावत के साथ ही इस गजराज के उपर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा चन्दौली के बबुरी थाने में लिखा गया था।
महावत को तो जमानत मिल गयी परंतु इस विशाल नर हाथी के मालिक को अब भी हाथी के बरी होने का इंतज़ार है।
महावत का बेटा अपने इस हाथी से बहुत प्यार करता है यही वजह है कि अपने गजराज की सेवा में दिन रात लगा रहता है। इसे अब भी अपने हाथी के छूटने का इंतेजार है जो इनके रोजी रोटी का एक मात्र जरिया है। महावत और उनके परिवार को अब कोर्ट के फैसले का इंतेजार है।
वहीं वन विभाग के एसडीओ ने बताया कि लगभग 10 माह पूर्व इस हाथी को बबुरी थाने से लंबित मामले में वन विभाग ने अपने संरक्षण में रखा हुआ है, वहीं समय समय पर इसका मेडिकल चेकअप व डाक्टरों के कहे अनुसार इसको खाने का सामान भी दिया जाता है।
10 महीनों से वन विभाग के देख रेख में महावत द्वारा खाना व जरूरी चीजें दी जाती है। ऐसी कयास लगायी जा रही है कि लॉक डाउन के बाद न्यायालय के आदेश आने के बाद दुधवा नेशनल पार्क लखीमपुर भेज दिया जाएगा।
केरल में हुए हाथी के साथ वारदात ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है, वही चन्दौली के इस वन विभाग के कैम्पस में बंधे गजराज को देखकर ऐसा ही लगता है जैसे मानो अब जानवर द्वारा की गई गलती की सज़ा बड़ी है लेकिन इंसान द्वारा जानबूझकर की गई गलती मानो छोटी हो गयी हो।
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