घूसखोरी के मामलों में भारत अव्वल नंबर पर
सरकारी विभागों में घूसखोरी को लेकर जनता त्राहि त्राहि कर रही है।
ऐसे में सरकारी तंत्रो की नसों में बस चुके रिश्वत और घूसखोरी के मामलों में भारत एशिया में अव्वल नंबर है।
भ्र्ष्टाचार निगरानी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर एशिया ने रिश्वत देने वाले लगभग 50 फीसदी और व्यक्तिगत संबंध का उपयोग करने वाले 32 फीसदी लोगों से बात की और पाया कि बिना रिश्वत दिए उन्हें सेवाओं से वंचित किया जाता है।
वर्ष 2020 में 17 जून से 17 जुलाई के बीच लगभग 2000 लोगों के सर्वे में ये बात निकलकर आयी।
रिपोर्ट के अनुसार नौकरशाही प्रक्रिया और लेटलतीफी के चलते रिश्वत भारत को दीमक की तरह चाट रहा है।
जिसके कारण आम सुविधाओं के लिए भी लोगों को सरकारी विभागों के चक्कर काटने के अलावा रिश्वत भी देना पड़ता है।
रिपोर्ट के अनुसार लगभग 63 फीसदी लोगों का मानना है कि भ्र्ष्टाचार से निपटने के लिए सरकार प्रयासरत है।
मगर उनके अधीन काम करने वाले तंत्रो में सुधार नहीं हो पा रहा है ऐसे में भ्र्ष्टाचार विरोधी एजेंसियों को इसके लिए अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
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