जानिए क्या है कृषि बिल
किसान आंदोलन को लेकर देशभर में चर्चायें हो रही है। केंद्र सरकार के द्वारा पारित कृषि बिल को लेकर किसानों का गुस्सा दिल्ली की सीमाओं पर देखा जा सकता है।
किसानों के समर्थन में विपक्ष ने भी जोरदार हिस्सेदारी दिखायी और भारत बंद के दौरान जमकर समर्थन किया।
आइये जानते है कि इस बिल में ऐसा क्या है जिससे किसानों को दिक्कत हो रही है और वे इस बिल का विरोध कर रहे है —
1. सरकार के द्वारा पारित पहला बिल एक कृषक उपज व्यापर और वाणिज्य विधेयक है जो राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गयी कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर टैक्स लगाने से रोकता है।
इसमें किसानों को मंडियों के अलावा भी अपनी फसल बेचने की स्वतंत्रता होगी।
2. दूसरा बिल आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया गया जिसके मुताबिक अनाज, सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों को आवश्यक वस्तुओं की सूचि से बाहर किया गया है।
सरकार के मत के अनुसार किसान कम दामों में अपनी फसल को बेचते है जिसका भंडारण व्यापारी करते है और काला बाजारी करते है।
3. तीसरा बिल है मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश।
जिसके मुताबिक किसान अब अपनी फसल की बुआयी के पहले ही मानकों को तय करके अपनी फसल को बेचने का अनुबंध कर सकता है।
सरकार के मुताबिक इसके ,माध्यम से किसान को अपनी फसल बेचने के लिए अब कहीं और जाने की आवश्यता नहीं होगी।
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