Sampurnanand Sanskriti Vishwavidyalaya में धोती-कुर्ते में उतरे क्रिकेट खिलाड़ी, संस्कृत में हुई कमेंट्री
वाराणसी: मंगलवार से शहर के Sampurnanand Sanskriti Vishwavidyalaya में संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया गया। पांच टीमें शास्त्रार्थ महाविद्यालय की ओर से आयोजित इस क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लें रहीं हैं।
प्रतियोगिता में टीमों में दिखा बहुत उत्साह
बता दे कि विकट के बीच रनों के लिए धोती कुर्ते में दौड़ते बटुक एवं गेंद को हर शॉट पर पकड़ने के लिए दौड़ते बटुकों को देखना वास्तव में रोचक है। Sampurnanand Sanskriti Vishwavidyalayaके क्रिकेट ग्राउंड पर आयोजित इस संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता के पहले दिन टीमों में बहुत ज्यादा उत्साह देखने को मिला। इन सबके साथ ही माइक पर संस्कृत में कमेंट्री कर रहे शिक्षकों को सुनना भी बहुत अनोखा रहा।
नीलू मिश्रा ने किया मैच का उद्घाटन
हम आपको बता दें कि Sampurnanand Sanskriti Vishwavidyalaya में कमेंटेंटर ने बाल फेंकने जा रहे बटुक बालक को देख कर जैसे ही खेल के दौरान कहा ‘अतीव सुंदरतया कंदुक प्रक्षेपणेन, दंड चालक: स्तब्धोजात’ वैसे ही लोगों द्वारा जमकर तालियों की बारिश शुरू हो गई। वहीं अन्तरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ी नीलू मिश्रा सहित काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पं.श्रीकान्त मिश्र ने इससे पहले मैच का उद्घाटन किया।
महाविद्यालय में मनाया जा रहा 75 वां स्थापना वर्ष
वहीं शास्त्रार्थ महाविद्यालय के आचार्य पवन कुमार शास्त्री ने इस आयोजन के सम्बन्ध में बात करते हुए कहा कि हम महाविद्यालय के 75वें स्थापना दिवस पर विभन्न-विभिन्न आयोजन कर रहें हैं। हम हीरक जयंती वर्ष के रूप में यह 75 वां स्थापना वर्ष मना रहे हैं। संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन भी हमने इसी आयोजन में किया है।
रणजी खिलाड़ी कर रहे प्रतियोगिता में अम्पायरिंग
उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में आज क्रिकेट के मैदान में वो बटुक और छात्र जो माथे पर त्रिपुंड लगाकर अपने पारम्परिक गणवेश में प्रतिदिन वेद एवं कलम सहित वेदों की बात करते थे आज बहुत ही सहज प्रकार से सहज भाषा के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं, पर इस प्रतियोगिता में भी उन्होंने अपना पारम्परिक गणवेश धारण किया हुआ है। साथ ही उनके द्वारा यह भी बताया गया कि रणजी खिलाड़ी धीरज मिश्रा और संजीव तिवारी भी पारंपरिक गणवेश में प्रतियोगिता में अम्पायरिंग कर रहे हैं।
संस्कृत में की जा रही है पूरी प्रतियोगिता की कमेंट्री
आचार्य पवन कुमार शास्त्री ने बताया कि देवलोक की भाषा संस्कृत में इस पूरी प्रतियोगिता की कमेंट्री की जा रही है जो की खुद में बहुत ही रोचक बात है। समस्त विश्व में संस्कृत भाषा में केवल यहां ही कमेंट्री होती है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इस प्रतियोगिता में एक टीम चिंतामणि वेद विद्यालय की, एक टीम ब्रह्मावेद विद्यालय की, दो टीमें शास्त्रार्थ महाविद्यालय की और एक टीम चंद्रमौली इंटरनेशनल इन्टीट्यूट से भी भाग लें रही है।