शिवरात्रि की शुभ तिथि और मुहूर्त
वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी में शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है।
शिवरात्रि के अवसर पर काशी क्षेत्र घंटो-घड़ियालों और शंख की नाद से गूंज उठता है।
इस संबंध में काशी के ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि शिवरात्रि से बढ़कर कोई दूसरा व्रत नहीं है।
उनका मानना है कि भगवान शिव के शिव लिंग की पूजा की जाती है, जो सम्पूर्ण संसार का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिषाचार्यों में अनुसार प्रत्येक वर्ष तीन प्रकार की रात्रियों की विशेषता है। पहली है कालरात्रि, जिसमें दीपावली के समय पूजा का विधान है।
दूसरा है मोहरात्रि, जिसमें जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। अंत में शिवरात्रि मनायी जाती है जिसका इंतजार सभी करते है।
देव, दानव और गंदर्व भी महाशिवरात्रि के लिए लालायित रहते है।
इस बार शिवरात्रि शिव सिद्ध योग में पड़ रहा है। ये योग सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा और उसके बाद सिद्ध नामक योग रहेगा।
इस सिद्ध योग में किये गए सभी कार्यों की सिद्धि होती है। ग्रहों के अद्भुत संयोग के कारण ये योग बन रहा है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत से स्नान कराने के साथ फूल-फल और बेल पत्रों से शश्रृंगार करना चाहिए।
इसके साथ ही भगवान शिव के ॐ नमः शिवाय का जप करें।
उनके अनुसार भगवान की किसी प्रकार से आराधना कर सभी प्रकार के मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
Click Here To Download – Magazine(PDF): News Bucket Magazine
Join Our WhatsApp Group: Click Here
न्यूज़ बकेट हिंदी मासिक पत्रिका एवं यूट्यूब पर विज्ञापन और अपने पते पर मैगज़ीन प्राप्त करने के लिए 9807505429, 8924881010, 9839515068 पर संपर्क करें।