तिल भांडेश्वर महादेव की महिमा, दर्शन मात्र से मिलती है मुक्ति
वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी को दुनिया भर में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
ऐसे में काशी खुद में न जाने कितने ही रहस्य समेटे हुयी है।
मात्र अकेले काशी में ही भगवान अनेक स्वरूपों में विराजते है, जिनमें तिल भांडेश्वर का विशेष महत्व है।
तिल भांडेश्वर के जिक्र शिवपुराण सहित कई अन्य धर्म ग्रंथों में वर्णित है।
मान्यता के अनुसार काशी में जिस स्थान पर कभी तिल खेती हुआ करती थी, वहां भगवान तिल भांडेश्वर स्वयं भू रूप में प्रकट हुए थे।
तभी से इन्हें तिल भांडेश्वर के नाम से जाना जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ये शिवलिंग प्रतिदिन एक तिल के बराबर बढ़ता जाता था, जिसको लेकर लोगों को चिंता हुयी कि यदि इसीप्रकार से ये शिवलिंग नित बढ़ता रहेगा तो एक दिन पूरा संसार इस शिवलिंग में समाहित हो जायेगा।
तब लोगों ने इस शिव लिंग की आराधना की, जिसके बाद भगवान स्वयं प्रकट हुए और लोगों की दुविधा का समाधान करते हुए कहा कि वो प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर एक तिल के बराबर बढ़कर लोगों का कल्याण करेंगे।
इस मंदिर में देश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंचते है और आस्था के सागर में डुबकी लगाते है।
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