कोरोना वैक्सीन से नही होगी एलर्जी, लोगों को घबराने की ज़रूरत नही – डॉ. आरके यादव
वाराणसी। सर्दियों के मौसम की शुरूवात में ही नई-नई बीमारियों के संक्रमण का भय लगा रहता है और सर्दियों में बहुत ही आम है एलर्जी का हो जाना। कभी-कभी तो ठंड और बुखार के कारण लोग यह भी नहीं समझ पाते कि उन्हें एलर्जी हो चुकी है। ऐसे में एलर्जी को समय पर पहचान कर इसका इलाज करना आवश्यक होता है। वरना यह छोटी सी व्याधि, बड़ा रूप ले सकती है।
लोगों के इसी परेशानी को दूर करने के लिए न्यूज़ बकेट की टीम ने वाराणसी के सुप्रसिद्ध एलर्जी विशेषज्ञ ‘डॉ. आरके यादव’ से विशेष वार्ता की। आपको बता दें कि डॉ. आरके यादव वाराणसी के लंका स्थित होम्योपैथ क्लीनिक के एलर्जी स्पेशलिस्ट हैं।
डॉ. यादव ने एलर्जी पर खास तौर पर शोध किया है और वे होम्योपैथ के जरिए लोगों का इलाज करते हैं। उन्होंने हमारे साथ बातचीत में सर्दियों में होने वाली एलर्जी की पहचान और निजात पाने के उपाय को विस्तार से साझा किया। डॉ. यादव के साथ बातचीत के प्रमुख अंश:
प्रश्न- सर्दियों में होने वाली एलर्जी की पहचान कैसे करें?
डॉ. यादव: एलर्जी आज के समय में बहुत तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है। एलर्जी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसके प्रति जागरूक नही हैं।
इसके कारण लोगों को यह पता ही नही है कि एलर्जी होती क्या है? दरअसल व्यक्ति को जब किसी भी वस्तु या चीज़ के कारण असहनशीलता महसूस होती है, शरीर उस वस्तु को लेकर अत्यंत अनुभूति (हाइपरसेंसेटिव) हो जाता है, शरीर के उसी स्थिति को हम एलर्जी कहते हैं। जैसे किसी को सेब खाने के कारण शरीर में चकत्ते हो जाना, या ठंड के कारण शरीर में बदलाव होना एलर्जी कहलाता है। आमतौर पर कुछ ऐसे वस्तु जिन्हें हमारा शरीर अपना नहीं पता और उससे लड़ने के लिए हमारे शरीर में जो अलग-अलग बदलाव होते हैं, वही एलर्जी होती है।
प्रश्न- एलर्जी के कारण शरीर में हो रहे बदलाव को कैसे पहचाने?
डॉ. यादव: लोगों के बीच जागरूकता का अभाव होने के कारण एलर्जी के लक्षण को पहचान पाना मुश्किल हो सकता है। शरीर में एलर्जी होने पर अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे की छींक आना, आंख से पानी आना, सर्दी हो जाना, आंख में खुजली होना, नेज़ल साइनस होना, राइनाइटिस (छाती में इंफेक्शन), गले में इन्फेक्शन, खांसी होना, इत्यादि। कई बार शरीर के लक्षण आमतौर पर होने वाले वायरल बुखार जैसे भी होते हैं। इसके अलावा और भी तरह तरह की एलर्जी होते है, जैसे की स्किन एलर्जी जिसमें शरीर पर रशेस हो जाना बहुत ही आम बात है।
प्रश्न- एलर्जी होने के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं?
डॉ. यादव: एलर्जी होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य कारण है आपके शरीर का प्रतिरोधक शक्ति कम होना। प्रतिरक्षा प्रणाली की अति संवेदनशीलता के कारण व्यक्ति को एलर्जी हो जाती है। शरीर पर्यावरण में मौजूद आम तौर पर हानिरहित चीजों को हानिकारक समझते हुए उनके प्रति प्रतिक्रिया दिखाने लग जाता है। आमतौर पर हमारा शरीर किस वस्तु को या किस पदार्थ को हानिकारक समझ सकता है, यह हमें नहीं पता होता। इसलिए कोई भी ऐसी वस्तु जिसके कारण आपके शरीर में अलग बदलाव हो, वह एलर्जी का कारण होता है।
प्रश्न- कैसे पहचाने की एलर्जी राइनाइटिस है या साधारण सर्दी?
डॉ. यादव: यह समझना काफी आसान है, आमतौर पर सभी को सर्दी, खांसी, बुखार होता रहता है, लेकिन यह कुछ ही समय के लिए होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को सर्दी और खासी बार-बार हो रहा है, इसका मतलब उस व्यक्ति को राइनाइटिस है। वहीं पर यदि किसी व्यक्ति को समय अनुसार कभी-कभी सर्दी और खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं, तो वह आम बात है, वह एलर्जी के लक्षण नहीं हैं। ठंड में आमतौर पर यदि आप हमेशा ही सर्दी खांसी से पीड़ित हैं, तो ऐसे में आपको राइनाइट्स हो चुका होता है, इसलिए यदि ऐसे लक्षण दिखाई दे तो जल्द ही अस्पताल में चेकअप करवा लेना चाहिए।
प्रश्न- शहरों और गाँवो में बढ़ते एलर्जी का कारण क्या है?
डॉ. यादव: शहरों और गावों में एलर्जी का मुख्य कारण है, रोगजनक (पैथोज़न) के पौधे। जिसकी वजह से लोगों को राइनाइटिस और स्किन दोनों प्रकार की एलर्जी की समस्या शुरू हो जाती है।
गांव में तो एलर्जी को लेकर और भी जागरूकता नहीं है, इसलिए लोगों को इसकी इतनी जानकारी भी नहीं और यह फैलता ही जा रहा है।
यदि हम शहरों में बढ़ते एलर्जी की बात करें तो इसका मुख्य कारण प्रदूषण है। प्रदूषित हवा में रोग जनक खतरनाक तत्व पाए जाते हैं, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर पर असर करना शुरू करते हैं, इसके कारण व्यक्ति की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर में एलर्जी होने लगती है।
प्रश्न- आधुनिकता के दौर में बढ़ते एलर्जी के प्रभाव का क्या कारण हो सकता है?
डॉ. यादव: आधुनिकता के दौर में हम सभी अपने स्वास्थ्य को पीछे छोड़ देते हैं। आजकल के समय में प्रदूषण में बहुत ही जहरीले पदार्थ पाए जाते हैं, यह पदार्थ आमतौर पर हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए हमारा शरीर इनके प्रति अलग प्रक्रिया दिखाता है और इन सभी के कारण एलर्जी का संक्रमण बढ़ रहा है। लोगों का खान-पान दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है जिसके कारण लोग अस्वस्थ होते जा रहे है, जिसके कारण उनके शरीर की प्रतिरोधक शक्ति भी कमजोर हो चुकी है। आधुनिकता के दौर में जरूरी है कि लोग अपने लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखें, और स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश करें।
प्रश्न- कॉस्मेटिक एलर्जी का प्रभाव हमारे शरीर पर कैसा होता है?
डॉ. यादव: महिलाओं में कॉस्मेटिक के इस्तेमाल के कारण एलर्जी होना काफी आम बात है। हमने अपने प्रैक्टिस के दौरान गहराई में इस पर शोध किया है। हमारे पास ऐसी कई सारी महिलाएं आती है जिनको पार्लर में फेशियल के दौरान या अन्य किसी कॉस्मेटिक वस्तु से एलर्जी हो जाती है। उन्हें यह नहीं पता होता कि कौन सी चीज उनके शरीर को सूट करेगी और कौन सा नहीं, इसलिए महिलाएं एलर्जी का शिकार बन जाती है।
आमतौर पर फेशियल प्रोडक्ट्स में कई ऐसे पदार्थ होते है जो महिलाओं के शरीर को सूट नहीं करते, इसके कारण उनके चेहरे पर रैशेज होना, खुजली होना इत्यादि जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं। ब्लीचिंग करवाना भी महिलाओं को काफी पसंद होता है और यदि किसी को स्किन एलर्जी है तो ब्लीचिंग के कारण चेहरे पर काले धब्बे हो जाना, आइब्रो करवाने पर आइब्रो पर स्वेलिंग होना, आई लाइनर के कारण आंखों में खुजली होना आम बात है।
महिलाओं को तरह-तरह के लिपस्टिक पसंद होते हैं और कई महिलाएं बार-बार अपना ब्रांड चेंज करती है, इसके कारण होंठ काले पड़ जाते हैं। इसके कारण धीरे-धीरे एलर्जी होने लग जाती है, इसलिए मैं महिलाओं को कहूंगा कि वह बार-बार अपना लिपस्टिक का ब्रांड ना बदले, किसी भी एक ब्रांड को चुने और उसे ही हमेशा इस्तेमाल करें।
इसके अलावा लोग अपने बालों को काला दिखाने लिए बार-बार डाइ का इस्तेमाल करते हैं। इससे सिर में खुजली और स्वेलिंग होने लग जाता है। आगे चलकर यह बहुत ही गंभीर समस्या बन जाती है, इसलिए कोई भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट आप सोच समझकर चुने।
कॉस्मेटिक प्रोडक्ट आप सीधा अपने चेहरे पर इस्तेमाल ना करें, पहले आप उसे अपने शरीर के दूसरे हिस्से पर आजमाएं, उसके बाद ही इस्तेमाल करें और हो सके तो ज्यादा से ज्यादा नेचुरल रहने की कोशिश करें। इसलिए मेरा सभी से अनुरोध है कि आप स्वस्थ रहें, खुश रहे इससे आपके चेहरे पर अपने आप ग्लो आ जाएगा और आपको किसी भी कॉस्मेटिक की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रश्न- क्या कोरोना वैक्सीन को लेने के कारण शरीर में एलर्जी हो सकती है?
डॉ. यादव: कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए कोरोना वैक्सीन बहुत जरूरी है।
चूंकि मैं होम्योपैथ का डॉक्टर हूं, इसलिए आपको बता दूं कि होम्योपैथ की दवाइयां अपने रोग प्रतिरोधक शक्ति के लिए जानी जाती है, इसलिए वैक्सीन के साथ-साथ सरकार होम्योपैथी दवाइयां भी दें।
लोगों को कोरोना वैक्सीन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले सरकार होने वाली एलर्जी को लेकर कौन सी सावधानियां बरतनी है, पहले ही बताती है।
प्रश्न- एलर्जी से बचने के तरीके और सावधानियां?
डॉ. यादव: कोरोना काल हो या ना हो आप हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें। मास्क आपको तरह-तरह की बीमारियों के साथ प्रदूषण से भी बचाता है, इससे एलर्जी से भी बचा जा सकता है।
– कोई भी कॉस्मेटिक वस्तु इस्तेमाल करने से पहले उस वस्तु में कौन-कौन से पदार्थ इस्तेमाल किए गए हैं, इसका पता कर लें।
– यदि कोई राइनाइटिस एलर्जी का पेशेंट है, तो वह बंद कमरे में अनुलोम-विलोम अवश्य करें।
– खुले स्थान पर अनुलोम-विलोम करने से डस्ट एलर्जी, कोल्ड एलर्जी से आप खुद को नहीं बचा पाएंगे, इसलिए बंद कमरे में अनुलोम-विलोम करें, खुश रहे, स्वस्थ रहें तभी आप डॉक्टरों से भी दूर रह पाएंगे।
डॉ. आरके यादव के साथ इस ख़ास वार्ता से हम लोगो ने जाना कि सर्दियों में होने वाली एलर्जी से कैसे बचा जा सकता है? आप सभी डॉ. यादव द्वारा बताये गये निर्देशों का पालन करें और ठंडी में भी एलर्जी से बचे रहें।
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