Dhanteras 2019: जानिए इस धनतेरस क्या हैं शुभ मुहर्त

Dhanteras 2019: जानिए इस धनतेरस क्या हैं शुभ मुहर्त

रौशनी के त्यौहार की शुरुवात धनतेरस के साथ हो रही हैं। धनतेरस पर माता लक्ष्मी और कुबेर के साथ धनवंतरी जी की भी पूजा की जाती है। इस बार यह पर्व अक्टूबर माह के 25 तारीख़ को मनाया जायेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। जो कि भगवान विष्णु के अवतार है।

इस दिन प्रकट होने के कारण धनतेरस का यह पावन पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार मान्यता है कि देवी-देवताओं के कार्यों में बाधा डालने के कारण भगवान विष्णु ने असुरों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी। 

जैन समाज में धनतेरस को धन्य तेरस या ध्यान तेरस के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि, भगवान महावीर ने इस दिन तीसरे व चौथे ध्यान में जाने के लिए योग निरोध में चले गए थे। लगातार 3 दिन योग करते हुए दिवाली के दिन उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई तभी से यह दिन धनतेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इसके अलावा भी धनतेरस से जुडी कई लोककथाएं प्रचलित है। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस मनाते है।

इस बार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर 2019 को
शाम 4:30 बजे से 26 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे के बाद तक है मुहर्त।

इस दिन सनातन धर्म में लोग अपने सामर्थ्य अनुसार घर में नए-नए सामान तथा सोने चांदी के आभूषण एवं बर्तन खरीद कर लाते है। जिससे पूरे साल भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

इसी कारण धनतेरस के इस पावन पर्व पर बाजारों में खासी रौनकें और चहल पहल  देखने को मिलती हैं। इस पर्व पर सोने की खरीददारी करने का विशेष प्रचलन रहता है। जिससे कि सोने के दामों में काफी उछाल देखा जाता है।

आपको बता दे की इस बार सोने के दाम आसमान छू रहे हैं। जोकि धनतेरस के शुभ अवसर पर और भी महंगा हो सकता है। धनतेरस के महत्व की बात करें तो चिकित्सा से जुड़े लोग ख़ासकर डॉक्टर या वैद्य सच्ची निष्ठा व श्रद्धा के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा करते हैं।

इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति भी खरीदी जाती है ताकि दिवाली को उनकी पूजा की जा सके।

स्टील के बर्तनों के साथ चम्मचों की सबसे अधिक बिक्री होती है। तांबे, पीतल जैसी धातुओं के बर्तन भी बिकते हैं। दीपावली के लिए पूजा में प्रयुक्त होने वाली कई बर्तन अपने जरूरत के अनुसार लोग खरीदते हैं। 

जिसमें स्टील से लेकर पीतल, तांबे एवं अन्य धातुओं के साथ-साथ सोने एवं चादी के बर्तनों की भी खरीद की जाती है। इस अवसर पर आभूषण एंव बर्तन बाजार में दुकानदारों द्वारा अपने ग्राहकों को कुछ ऑफर या डिस्कांउट भी दिया जाता है।

बाज़ारो में सबसे ज्यादा भीड़ धनतेरस को लेकर दो दिन पहले से ही बड़े पैमाने पर होने लगती है। उस दिन भीड़ इतनी हो जाती है कि दुकानेां में ग्राहकों के लिए जगह कम पड़ जाती है।

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Adhyan Chaurasiya

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