सीएए का मुद्दा पहुंचा यूएनएचआरसी, इस महिला ने किया भारत का प्रतिनिधित्व
सीएए के मुद्दे पर भारत को घेरने वाले देशों को जेनेवा की विश्व संसद में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही अतिका फारुकी ने करारा जवाब दिया। अतिका ने कहा कि सीएए के जरिये पाकिस्तान, बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक लोगों को भारत की नागरिगता दी जायेगी।
विभाजन के पहले सभी भारत के नागरिक थे और अग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में सभी का योगदान रहा है।
विश्व संसद में अतिका ने कहा कि सीएए लोगों को नागरिकता देनें का कानून है और भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई नहीं बल्कि भारतीय रहते है और इन्हें भारतीय कहलाना ज्यादा पसंद है।
अतिका फारुकी ने जेनेवा की विश्व संसद में सीएए के मुद्दे पर भारत को घेरने वाले देशों को करारा जवाब देते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां के लोग भारतीय संविधान के दायरे में रहते हुए खुद को सुरक्षित महसूस करते है।
मुसलमनों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सारी दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित मुसलमान भारत में ही है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि यूएनएचआरसी के 43वें सत्र की शुरुवात 24 फरवरी 2020 को ही चुकी है और इसमें भारत का प्रतिनिधित्व अतिका फरूकीं करेंगी। वैसे अतिका फारुकी एक मशहूर कवित्री और पत्रकार भी है।
न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।