1 जून से 200 ट्रेनों का होगा आवागमन, राज्यों की सहमति नही जरूरी
कोरोना के इस संकट काल मे श्रमिकों और मजदूरों को अपने घर वापस जाने में सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में सरकार ने प्रवासी मजदूरों के साथ साथ अपने घर से बाहर फंसे अन्य लोगों के दर्द को समझते हुए ट्रेनों को रफ्तार देने का फैसला किया है।
1 जून से सरकार ने थमी जिंदगी को रफ्तार देने की बात कही है। सरकार श्रमिक स्पेशल, राजधानी के रूट पर 15 जोड़ी एसी स्पेशल ट्रेनों के अलावा अब 200 नॉन एसी ट्रेनों का संचालन की शुरूवात करने वाली है।
यह प्रक्रिया 1 जून से चालू हो जाएगी। इन ट्रेनों में बुकिंग ऑनलाइन होंगे रेलवे काउंटर से कोई टिकट की बुकिंग नही होगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट के माध्यम से यह जानकरी दी है कि जल्द ही इन ट्रेनों के रूट तय किये जायेंगे।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को हो रही राजनीति पर रोक लगाते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि ट्रेनों के संचालन के लिए अब राज्यों की सहमति आवश्यक नही है। राज्यों को इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है।
पीयूष गोयल ने श्रमिकों के लिए चलाए जाने वाले ट्रेनों के इजाफे की बात कहते हुए बताया कि कुछ के भीतर ही ट्रेनों की संख्या की 200 से बढ़ाकर 400 कर दिया जाएगा।
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