पुलिस ने किया गुमशुदा मानकर महिला का अंतिम संस्कार
वाराणसी: 6 सितंबर को भदोही कोतवाली के गोपला दरोपुर से गुमशुदा हुई महिला को उसके परवाले वाले खोजते ही रह गए एवं उधर पुलिस द्वारा उस महिला का अंतिम संस्कार अज्ञात मानकर कर दिया गया। परिवार वालों के अनुसार वह प्रत्येक दिन कोतवाली के चक्कर लगाते रहे और पुलिस ने चौथे दिन बताया कि रेलवे पटरी के किनारे महिला का शव पाया गया था और उसका अंतिम संस्कार भी हो गया।
मृतक की मां बहन हुई रोकर बेहाल
जब इस बात की खबर सोमवार को मृतक की मां एवं बहन को हुई तो वह रो-रोकर बेहाल हो गई। हम आपको बताते चले कि स्व.जलील अंसारी की विधवा आयशा की पांच बेटियां हैं। जिनमें से बड़ी बेटी हदीसुन का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं रहता था। जिस वजह से परिजनों द्वारा उसका विशेष ध्यान रखते थे।
कोतवाली सूचना देने पहुंचे परिजन
परिजनों के अनुसार वह हर सुबह कही चली जाती थी एवं वापस लौट भी आती थी। ठीक रोज की तरह 6 सितंबर की सुबह भी वह घर से बहार निकली तो पर घर लौट के नहीं आई। उसके घर वापस लौट के ना आने की वजह से घर वाले परेशान हो गए और दिन के तीन बजे कोतवाली सूचना देने पहुंचे।
पुलिस द्वारा नहीं हुई कोई सुनवाई
सूचना देने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। खलीकुन ने बताया कि सोमवार को जब वे गए तो पुलिस द्वारा उनको बताया कि किसी ट्रेन से टकरा कर 6 सितंबर को एक वृद्धा की मौत बड़ी बाग के पास हो गई थी। जिनका की अन्तिम संस्कार किया जा चुका है।
पुलिस ने दिखाए मृतका के कपड़े
पुलिस द्वारा जैसे ही वृद्धा के कपड़े बहनों को दिखाये गए वह फूट – फूटकर रोने लगी। जब परिजनों द्वारा पुलिस से लाश मांगी गई तो पुलिस ने बताया कि महिला का अंतिम संस्कार सनातन रीती – रिवाज से कर दिया गया है। 72 घंटे तक कोई भी क्लेम करने वाला नहीं आया है यह बात खुद सीओ अभिषेक पांडेय द्वारा कहीं गई साथ ही उन्होंने कहा कि इस वजह से ही हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था सिवाय अंतिम संस्कार करने के।
पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
खलीकुन जो कि मृतका की बहन है ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि 6 सितंबर जब से मेरी बहन खोई तब से हम लगातार ही कोतवाली के चक्कर लगाते रहे पर हमारी कोई भी बात नहीं सुनी गई। वहीं घरवालों द्वारा तहरीर भी दी गई पर कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया था।