बीएचयू उपद्रव के बाद एक्शन, प्रशासन ने खाली कराये सात हॉस्टल, PMO को भेजी रिपोर्ट
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदर लाल (एसएसएल) अस्पताल में इलाज पर विवाद के परिणामस्वरूप परिसर में छात्रों और डॉक्टरों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ, जिससे कई लोग घायल हो गएं। पुलिस ने PMO को सौपी रिपोर्ट में दावा किया कि दोनों पक्ष सोमवार की शाम को आग लगने और ईंट-पथराव में शामिल थे।
बीएचयू उपद्रव के बाद बीएचयू के सात हॉस्टलों को बुधवार को पूरी तरह खाली करा लिया गया। सर्च ऑपरेशन चलाकर सभी कमरों को सील कर दिया गया। जिन हॉस्टलों को खाली कराया गया है, उनमें रुईया मेडिकल, रुईया एनेक्सी, बिड़ला अ, बिड़ला ब, बिड़ला स, धनवंतरि और एलबीएस शामिल हैं।
बुधवार को विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयाना सिंह के साथ डीएम सुरेंद्र सिंह, एसएसपी आनंद कुलकर्णी भारी फोर्स लेकर हॉस्टल पहुंचे और कमरे खाली कराये। एक-एक कर छात्र अपना जरूरी सामान लेकर बाहर निकल गए। कोई अपने घर, रिश्तेदारों के यहां पहुंचा तो कोई शहर में बने लॉज, आश्रम आदि में सामान लेकर रहने के लिए निकल पड़ा। छात्रों ने हॉस्टल खाली कराने के फैसले को विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि कुछ उपद्रवी छात्रों की वजह से सभी छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है।
सोमवार रात हुए बवाल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए, 28 सितंबर तक सभी कक्षाओं को निलंबित कर दिया है और पांच हॉस्टल के निवासियों से 24 घंटे के भीतर अपने कमरे खाली करने के लिए कहा था।
पीएमओ भेजी रिपोर्ट
बीएचयू परिसर में सोमवार देर रात हुए उपद्रव का संज्ञान प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी लिया था। मंगलवार को जहां PMO ने दिनभर के घटनाक्रम का अपडेट लिया, वहीं प्रदेश शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों को बीएचयू प्रशासन के संपर्क में रहने और उनके निर्णयों के कियान्वयन का निर्देश दिया था। PMO द्वारा उपद्रव के सम्बंधित एक रिपोर्ट मांगी गई थी जिसे विश्वविद्यालय की ओर से भेजा जा चुका है। अपनी रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार रात से लेकर मंगलवार सुबह तक मारपीट, तोड़फोड़ आदि की घटनाओं और बुधवार दोपहर तक चली कार्रवाई का पूरा विस्तृत ब्योरा शामिल किया है।
सोमवार रात बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने कहा कि यह घटना योजनाबद्ध तरीके से कराई गयी है। मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. विजय नाथ मिश्रा ने यह आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि जूनियर डॉक्टरों और छात्रों में विवाद के बाद सब कुछ शांत हो जाता है। पर फिर भी जिसके पश्चात मारपीट की गयी है।
सुरक्षा के मद्देनजर किये गए विचार
घटना को सीसी टीवी फुटेज से देखने पर लग रहा है कि इस घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया हो। साथ ही हमले में आठ-नौ जूनियर डॉक्टरों के जख्मी होने की बात पर भी उन्होंने कई प्रश्न उठाए। मरीजों को समस्या न हो इसके लिए उन्होंने बताया, क्विक रिस्पांस टीम भी इसके लिए बनाई गई हैं। इमरजेंसी सेवाएं सहित ओपीडी भी प्रभावित नहीं हुईं हैं। साथ ही अस्पताल में डॉक्टरों और मरीजों के लिए सुरक्षा के मद्देनजर अलग-अलग गेट बनाने पर भी विचार-विमर्श चल रहा है।