वाराणसी : डाक्टराें ने टूटी हड्डी में लगा दिए घटिया राड, कड़ी कार्रवाई की दी गयी चेतावनी
वाराणसी। मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. बीएन श्रीवास्तव के पत्र से एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दरसअल राहत की उम्मीद लेकर अस्पताल आ रहे मरीजों को चोट पहुंचाई जा रही है। बेरहम डॉक्टरों द्वारा टूटी हड्डी में घटिया राड लगा दिए जा रहे है। उन डॉक्टरों को जो गैर कानूनी काम में लिप्त है आईना दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी जारी हुई है। अब उन्होंने घटिया राड आपूर्ति करने वाले दुकानों के भी नाम उजागर कर दिए हैं। जारी पत्र के अनुसार कई सालों से चिकित्सक मछोदरी स्थित गैर लाइसेंसी दुकानों से टूटे हड्डी को जोडऩे के लिए रॉड मरीज से खरीदने के लिए डॉक्टर मरीजों पर दबाव बना रहे हैं। प्रमुख अधीक्षक ने ब्रांडेड राड खरीदने का निर्देश जारी किया है। महानिदेशक को पत्र लिखकर भी प्रकरण से अवगत करा दिया गया है।
पंजीकृत दुकानों से मरीजों को लगाया जाए ब्रांडेड रॉड
मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. बीएन श्रीवास्तव ने बताया कि पंजीकृत दुकानों से ब्रांडेड रॉड खरीदकर मरीजों को लगाया जाए। ब्रांडेड कंपनियां रॉड के साथ बार कोड जारी करती हैं, ऐसे में बारकोड और दुकान की रसीद रजिस्टर में चस्पा किए जाए। आपरेशन करने वाले मरीजों की सूची एक दिन पहले दी जाए। उसकी जांच होगी, मरीज का आपरेशन हो सकता है या नहीं। हादसे के दौरान कुल्हे, हाथ, पैर आदि स्थानों पर टूटे हड्डियों को जोडऩे चिकित्सक मरीज से रॉड खरीदवाते हैं।
गैर लाइसेंसी दुकान से मंगवाते है रॉड
आपरेशन थियेटर में मौजूद चिकित्सकों और कर्मचारियों की पूरी कोशिश होती है कि मरीज से पैसा लेकर रॉड मंगाए, यदि मरीज खुद रॉड लाना चाहता है तो उसे मछोदरी स्थित एक गैर लाइसेंस दुकान से मंगवाते हैं। मरीज के लेने के बाद भी दुकानदार चिकित्सक को मोटी कमीशन देता है। घायल 10 से 12 मरीज माह में मंडलीय अस्पताल में आते हैं जिन्हें टूटे हड्डियों को जोडऩे के लिए रॉड की जरूरत पड़ती है।