वाराणसी: जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा, गंगा का पानी आचमन योग्य भी नहीं

वाराणसी: जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा, गंगा का पानी आचमन योग्य भी नहीं

वाराणसी: शुक्रवार को गंगोत्री से निकाली गई अविरल गंगा संकल्प यात्रा मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में गाजीपुर जा पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि 18 हजार करोड़ रुपये का खर्च सिर्फ गंगा को बचाने के नाम पर ही किया गया है पर वहीं गंगा का जल नहाने तो दूर आचमन करने योग्य भी नहीं रह गया है। गुरुवार को इससे पूर्व जब यात्रा चंदौली पहुंची तो उसका स्वागत किया गया।

कटान का किया निरीक्षण

शुक्रवार को गाजीपुर में राजेंद्र सिंह को सत्यदेव कॉलेज परिसर में कॉलेज की निदेशक डॉ.प्रीति सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। वहीं गंगा कटान से हुए नुकसान और कटान का निरीक्षण सेमरा शिवरायकापुरा में राजेंद्र सिंह ने किया।

गंगा को बचाने लिए त्यागे प्राण

इन सबके साथ ही उनके द्वारा कहा गया कि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल एवं निगमानंद ने भी इससे पूर्व में गंगा को बचाने मात्र के लिए अपने प्राण त्याग दिए है वहीं एक अन्य संत गोपालदास भी अपने प्राणों को त्यागने की कतार में हैं। श्रीनाथ बाबा इंटर कालेज परिसर सुहवल में आयोजित गोष्ठी में उनके द्वारा बालू खनन को गंगा में जिम्मेदार बताया।

सुभाष पार्क में किया गया स्वागत

यात्रा चंदौली के पीडीडीयू नगर गुरुवार को इससे पूर्व जा पहुंची। जहां पर सुभाष पार्क में स्वागत किया गया। इस दौरान सभा में राजेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय की धरोहर है गंगा। शरीर के लिए बेहद लाभकारी 17 तत्व गंगा जल में पाए जाते हैं। इन तत्वों को गंगा का प्रवाह रोककर खत्म कर दिया गया है।

40 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रभाव

जिस कारण तकरीबन 40 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ा है जो कि गंगा बेसिन में रहते है। गंभीर बीमारियां इन क्षेत्र के लोगों में फैलना प्रारम्भ हो गई है। गुरुवार को बरहमोरी बालू साइट का भी जल पुरुष मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त राजेंद्र सिंह द्वारा निरीक्षण किया। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि बालू साइट पर खनन बरहमोरी में अवैध है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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