Varanasi Traffic Police के दो सिपाहियों ने किया ऐसा काम, एसपी ट्रैफिक ने दिया नकद ईनाम

Varanasi Traffic Police के दो सिपाहियों ने किया ऐसा काम, एसपी ट्रैफिक ने दिया नकद ईनाम

वाराणसी: पुलिस वाले जिन पर सभी की सुरक्षा का उत्तरदायित्व होता है। जिन पर सब भरोसा कर उसके पास मदद की गुहार लगा कर पहुंचते है। इस बार अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते हुए Varanasi Traffic Police ने कबीले तारीफ काम कर दिखाया है। रायबरेली के 76 वर्षीय बुजुर्ग जगदीश अग्निहोत्री जो की वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के सामने भटक रहे थे को दो सिपाहियों ने भोजन सहित ठहरने की व्यवस्था भी कराई और सिर्फ इतना ही नहीं फेसबुक के जरिए उनके परिजनों से संपर्क कर रविवार को उन्हें उनके सुपुर्द भी कर दिया।

घरवालों से बिछड़ गए थे जगदीश अग्निहोत्री

हम आपको बताते चले कि जगदीश अग्निहोत्री रायबरेली के आशा भवन मलिक रोड निवासी राजधानी एक्सप्रेस से गुवाहटी से कानपुर जा रहे थे। जब शनिवार को चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर चार पर ट्रेन रुकी तो वह वही उतर गए और अपने घरवालों से बिछड़ गए। फिर कैंट रेलवे स्टेशन पर वह भटकते-भटकते जा पहुंचे।

कांस्टेबल ने पूछा बुजुर्ग की परेशानी का कारण

तभी वहां ड्यूटी पर तैनात Varanasi Traffic Police कांस्टेबल आशुतोष राय और सुधीर सिंह की नजर उन अकेले बुजुर्ग पर पड़ी तो उन्होंने देखा कि वह परेशान लग रहे है। तो दोनों कांस्टेबल उनके पास पहुंचे और उनकी परेशानी की वजह भी पूछी। फिर बुजुर्ग के खाने और रहने का इंतजाम कर दोनों कांस्टेबल ने फेसबुक पर उनके संबंध में विवरण पोस्ट किया।

एसपी ट्रैफिक ने शाबाशी देते हुए थपथपाई पीठ

बता दे कि जब बुजुर्ग के नाती राजीव मिश्रा को फेसबुक से यह बात ज्ञात हुई तो वह यहां आए एवं Varanasi Traffic Police के प्रति आभार जाहिर करते हुए अपने नाना को वापस ले गए। एसपी ट्रैफिक सुरेश चंद रावत ने इस नेक कार्य के लिए दोनों की पीठ शाबाशी देते हुए थपथपाई। साथ ही दोनों ही कांस्टेबल को पांच-पांच सौ रुपये का नकद पुरस्कार एसएसपी ने दिया है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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