26 नवम्बर 2015 को प्रथम बार मनाया गया संविधान दिवस   

26 नवम्बर 2015 को प्रथम बार मनाया गया संविधान दिवस   

वाराणसी। भारत का सर्वोच्च विधान भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। भारत के संविधान के निर्माण से पहले देश ने कानून और व्यवस्था का पालन किया  जो कि अंग्रेजों द्वारा निर्देशित किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ। इसलिए भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत महत्वपूर्ण महत्व है। संविधान दिवस हमारे स्वतंत्र राष्ट्र भारत के गौरव का प्रतिनिधित्व करता है और हमारे स्वतंत्र राष्ट्र भारत की वास्तविक भावना को दर्शाता है। 

संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में प्रथम बार 26 नवम्बर 2015 को संविधान दिवस मनाया गया।

इस दिन शिक्षण संस्थानों में बच्चों को संविधान की प्रस्तावना एवं मौलिक कर्तव्यों की जानकारी दी जाती है। संविधान दिवस मनाने का मकसद नागरिकों को संविधान के प्रति सचेत करना, समाज में संविधान के महत्व का प्रसार करना है।  

भारतीय संविधान भारत की सर्वोच्च शक्ति है और यहां तक कि भारत की संसद के पास संविधान को प्रत्यादिष्ट करने की शक्ति नहीं है। संविधान दिवस वह दिन है जब हमारा राष्ट्र भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र होने के बावजूद वास्तविक अर्थों में एक संप्रभु देश बन गया था। डॉ. भीम राव अंबेडकर के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई थी और इसमें लगभग 2 साल 11 महीने का वक़्त लगा था।

इण्डिया अर्थात् भारत राज्‍यों का एक संघ है। य‍ह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित हैं। आज भारत का संविधान दिवस हैं।

“न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।” 

Vikas Srivastava

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