कोरोना वायरस के फ्लू बनने का खतरा, वैज्ञानिकों ने दिए संकेत

कोरोना वायरस के फ्लू बनने का खतरा, वैज्ञानिकों ने दिए संकेत

दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरे कोरोना वायरस अब फ्लू का रूप लेने की फ़िराक में है। इस खतरनाक बीमारी ने 60 से ज्यादा देशों को अपनी जद में ले लिया है।

दुनिया भर में 90 से ज्यादा लोग इसकी गिरफ्त में आ चुके है और इस बीमारी के कारण मरने वालों का आकड़ा तीन हजार के पार हो गया है। 

कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के अलावा दक्षिण कोरिया, भारत, ईरान और इटली जैसे देशों में तेजी से फ़ैल रहा है। इन देशों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

चीन में कोरोना वायरस पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास जारी है मगर अन्य देशों के लिए ये एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है जिसका स्थायी इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है। 

वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस के फ्लू की तरह फैलने का खतरा बना हुआ है, जो हर साल आ सकता है और वैज्ञानिकों का ये अंदेशा है कि इसको पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस के लक्षण विषाणुजनित संक्रमण है जो सर्दियों में प्रभावकारी है और इन विषाणुओं की प्रकृति लगातार बदलती रहती है। 

वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस के विषाणु सर्दियों में फैलते है। वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ विलियम शेफनर ने बताया कि कोरोना वायरस के विषाणु श्वसन तंत्र को प्रभावित करते है और मौसम के अनुरूप कार्य करते है।

उन्होंने कहा कि अब देखना ये है कि गर्मियों में इसका संक्रमण रुकता है या नहीं।

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Vikas Srivastava

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