7 वर्ष लड़ी कैंसर से, अब कोरोना के खिलफ छेड़ी जंग
वाराणसी। वाराणसी में लॉक डाउन की स्थिति में लोगों को सबसे अधिक समस्या खाने पीने की हो रही है। सम्पन्न लोगों ने पहले ही अपने खाने पीने का बंदोबस्त कर लिए है मगर असहायों और गरीबों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वाराणसी में कोई भूखा न सोये इसलिए 82 साल की रिटायर लेक्चरर विमला दीवान एक मिसाल बनी हुई है। विमला दीवान ने अपनी इस अवस्था में लोगों को भोजन कराने का जिम्मा उठाया है।
विमला दीवान ने 1993 से लेकर 2000 तक कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जंग लड़ी और उसपर विजय हांसिल की।
विमला दीवान ने उम्र के इस पड़ाव में कोरोना से दो दो हाथ करने का निश्चय किया है और कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन में गरीबों और असहायों के लिए पूड़ियां बना रही है।
इस पुनीत कार्य मे उनके बेटे सचिन दीवान भी उनका सहयोग कर रहे है। सचिन ने बताया कि जब मां बीमार थी तब भी बच्चों को पढ़ाने जाती थी और संकट की इस घड़ी में लोगों की मदत का जिम्मा उठाया है।
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