टूटने लगा है गंगा घाटों का संपर्क, डूबे कई मंदिर
वाराणसी। इस समय आसमान से आफत की बूंद बरस रही है।
पहाड़ी क्षेत्रों में जिस तरीके से आपदा दिख रही है उससे कई नदियां इन दिनों उफान पर है।
वहीं जीवन दायिनी मां गंगा भी रौद्र रूप दिखाने के लिए तैयार हैं।
यही वजह है कि वाराणसी के 84 घाट, जो 12 किलोमीटर के दायरे में बसे हुए हैं उनका भी आपसी संपर्क एक दूसरे से टूटने लगा है।
इन घाटों के किनारे स्थित सैकड़ों मंदिर गंगा के जल में डूब चुके हैं।
फिलहाल तो छोटे मोटे व्यवसाय करने वालों के रोजगार पर भी संकट मंडरा रहा रहा है।
बढ़ते हुए गंगा के जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती घाटों पर की गई है।
सावन महीना चल रहा है, ऐसे में श्रद्धालु घाट किनारे पहुंच रहे हैं जो गंगा में डुबकी लगाना चाहते हैं और जल लेकर बाबा को जलाभिषेक करना चाहते हैं।
किसी तरह की कोई अनहोनी ना हो इसलिए लगातार जल पुलिस अनाउंसमेंट कर लोगों को सचेत कर रहा है।
आकंड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 3 सेंटीमीटर बढ़ रहा है।
यदि गंगा इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती स्थल भी जल प्रवाह की आगोश में खो जाएगा, जिसके कारण गंगा आरती के स्थान में तबदीली हो जाएगी।
फिलहाल तो नागरिकों का कहना है कि पहले कोविड-19 और अब बाढ़ की मार दोनों से नाविक समाज पूरी तरीके से टूटने वाला है।
ऐसे में सरकार अगर नाविक समाज के लोगों पर ध्यान दें तो शायद उनका जीवन बचाया जा सकता है क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में बाढ़ का पानी इतना बढ़ जाएगा कि नाव संचालन पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
बाढ़ के समय कई महीने नाव का संचालन बंद रहता हैं, जिसकी वजह से उन्हें जीवन यापन करने में दिक्कतें होने लगती है।
फिलहाल तो पहाड़ों पर हो रही तबाही के कारण गंगा के साथ जुड़ी सहायक नदियां भी इन दिनों अपना विकराल रूप दिखा रही है।
Click Here To Download – Magazine(PDF): News Bucket Magazine
Join Our WhatsApp Group: Click Here
न्यूज़ बकेट हिंदी मासिक पत्रिका एवं यूट्यूब पर विज्ञापन और अपने पते पर मैगज़ीन प्राप्त करने के लिए 9807505429, 8924881010, 9839515068 पर संपर्क करें।