UP में सबसे ज्यादा हैं कुपोषित बच्चे, डबल इंजन की मार से प्रदेश परेशान
संसद में मानसून सत्र चल रहा है। तमाम रुकावटों और हंगामों के बीच विपक्षी दल संसद में कई सवाल पूछ रहे हैं।
सरकार भी इन सवालों के जवाब दे रही है। इसी सवाल जवाब में सरकार के दावों की हकीकत भी सामने आ रही है।
केंद्र सरकार से संसद में एक सवाल पूछा गया था।
सवाल था कि पूरे देश में कितने बच्चे कुपोषित हैं और सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे किस राज्य में हैं?
इस सवाल का जवाब राज्यसभा में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया।
स्मृति ईरानी ने बताया कि पूरे देश में कुल 9 लाख से ज्यादा (9,27,606) कुपोषित बच्चे हैं।
इनमें से लगभग चार लाख (3,98,359) कुपोषित बच्चे अकेले उत्तर प्रदेश में हैं।
जिन बच्चों की गिनती हुई है उनकी उम्र 6 महीने से 6 साल के बीच है।
उत्तर प्रदेश नंबर 1:
कुपोषण के शिकार बच्चों के लिहाज से उत्तर प्रदेश अब शीर्ष पर पहुंच गया है।
यानी देश का सबसे बड़ा सूबा सबसे आगे है। नंबर एक।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद को बताया कि ICDS-RRS की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में अत्यंत कुपोषित बच्चों की संख्या 9 लाख से ज्यादा है।
इनमें से लगभग 4 लाख बच्चे सिर्फ उत्तर प्रदेश में हैं।
संसद में दिए गए इस जवाब के बाद राजनीति टीका टिप्पणी भी शुरू हो गई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “संसद में भाजपा की मंत्री ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे (लगभग 4 लाख) उत्तर प्रदेश में हैं। प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी खुद को खुद से ही ‘नंबर 1’ का खिताब देते रहे और डबल इंजन की धोखाधड़ी करके कुपोषण में उप्र को नंबर 1 बना दिया।”
केंद्र में भाजपा की सरकार है। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है।
भाजपा की ही केंद्रीय मंत्री ने संसद में अपने ही सरकार की पोल खोल दी।
सवाल है कि आखिर क्यों उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं?
क्या सरकार के विकास की अवधारणा में बच्चों की कोई गिनती नहीं है?
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