कोरोना की तीसरी लहर को लेकर BHU के जीन वैज्ञानिक की ओर से राहत की खबर, कोरोना की तीसरी लहर के कम तबाही मचाने का किया दावा 

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर BHU के जीन वैज्ञानिक की ओर से राहत की खबर, कोरोना की तीसरी लहर के कम तबाही मचाने का किया दावा 

देश में एक तरफ जहां कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है तो वहीं वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों की ओर एक रहत की खबर सामने आई है। कोरोना की पहली लहर से ही इस नई वायरस जनित बीमारी पर बारीकी से अध्ययन कर रहे BHU के जंतु विज्ञान के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कोरोना की तीसरी लहर लेकर विशेष दावा किया है। प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर अभी कम से कम तीन महीनों बाद ही दस्तक देगी। साथ ही तीसरी लहर के कम तबाही मचाने का भी दावा किये हैं। दावे के अनुसार टीका लगवा चुके और कोरोना से ठीक हुए लोगों पर तीसरी लहर का खतरा होगा। वहीं इसका बच्चों पर भी कम खतरा होगा। 

उन्होंने बताया कि केरल और नॉर्थ ईस्ट के कुछ स्टेट में ही केस बढ़ रहें हैं, वहीं यूपी में 10-20 केस ही इतने बड़े स्टेट के होने के बावजूद भी आ रहें हैं तो यह बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि केरल के लोगों में 40% ही सीरो पाजिटिविटी डेवलप हुई थी। जबकि यूपी में 70 प्रतिशत लोगों में सीरो पाजिटिविटी डेवलप हो चुकी थी। साथ ही तीन महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर गिरने के कारण कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कही हालांकि इस लहर में कोरोना के कारण होने वाले मृत्यु के खतरे के घटने की बात कही। 

प्रो. चौबे ने कहा कि “कोरोना वायरस को तो नहीं रोका जा सकता है, लेकिन मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। ऐसे में वे लोग जिनका टीकाकरण हो चुका है या फिर जो कोरोना से लड़कर ठीक हुए है। वह प्रोटेक्टिव ग्रुप में रहेंगे। ऐसे लोगों को भी दोबारा कोरोना होने पर इनकी मृत्युदर काफी कम है। ऐसे ग्रुप में दो-चार लाख लोगों में 1-2 की मृत्यु हो जाना बहुत बड़ी बात है। भले ही हमारी पूरी आबादी कोरोना संक्रमित हो जाए और हम मृत्युदर 0.1 या 1 प्रतिशत से भी नीचे रहेगी तो हम इस जंग को हम जीत लेंगे।”

बच्चों के लिए एंटी कोरोना वैक्सीन न होने के सवाल पर प्रोफेसर ने बताया कि बच्चों की वैक्सीन पर कैडिला कंपनी काम कर रही है और अगले 3-4 माह में बच्चों की वैक्सीन भी बाजार में आने की  उम्मीद जताई जा रही है। 


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Vikas Srivastava

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