गठबंधन टूटने के बाद बोलीं महबूबा- हम किसी और पार्टी को समर्थन नहीं देगें
मुख्यमंत्री पद से इस्तेफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि वो सत्ता की लालची नहीं हैं। साथ ही भाजपा को ही कड़ाई की पॉलिसी चलाने का कुसूरवार ठहराया। यह बात महबूबा ने प्रेसवार्ता के दौरान कही। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि मुफ्ती साहब ने बीजेपी के साथ बड़े मकसद से हाथ मिलाया था। उन्होंने सोचा था कि पीएम को एक बहुत बड़ा जनादेश मिला है और वह जम्मू कश्मीर के हालात के लिए कुछ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि घाटी में शांति की कोशिशें होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि कि बेहतरी के लिए घाटी की जनता और पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के साथ चार साल तक किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं होने दिया गया। 35 ए का मुद्दा भी उठाया गया और उसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया गया। वहां भी जम्मू कश्मीर के लोगों का पक्ष रखा गया। कई लोगों में भ्रांतियां थीं कि राज्य टूटेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विकास के लिए विशेष पैकेज पाने, रमजान में सीजफायर कराने में पीडीपी सफल रही।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीर में संवाद और सुलह – समझौता के लिए प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमने यह गठबंधन पावर के लिए नहीं किया था। हमने 11 हजार नौजवानों के खिलाफ केस वापस करवाई। उन्होंने कहा कि जोर जबर्दस्ती से जम्मू-कश्मीर में कोई नीति नहीं लागू हो सकती है। हमने राज्यपाल से कहा है कि हम किसी और पार्टी को समर्थन नहीं देगें।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए राज्यपाल शासन की दुरुस्त तैयारी की बात कही और जल्द हालात बेहतर होने का भरोसा दिलाया है।