1984 के गैस त्रासदी से आज भी नहीं उभरा भोपाल
आज से ठीक 36 साल पहले 1984 में भोपाल में गैस कांड की बड़ी त्रासदी की घटना घटी, जिससे आज भी भोपाल नहीं उभरा। आज भी भोपाल उस गैस त्रासदी का दंश झेल रहा है।
वर्ष 1984 2-3 दिसंबर की रात भोपाल के यूनियन कार्बाइड के कारखाने से गैस का रिसाव हुआ जिसके परिणाम अत्यंत भयावह थे।
इतना ही नहीं उस गैस कांड का असर आज भी देखने को मिल रहा है। भोपाल के जेपी नगर की 48 बस्तियों में बच्चें आज भी कमजोर और बीमार पैदा हो रहे है।
इन बच्चों में सुनने की क्षमता में कमी, अपंगता और मानसिक स्थिति कमजोर देखने को मिल रही है।
1984 में भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आईसो साइनाइट गैस का रिसाव हुआ था जिसके कारण हजारों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
भोपाल के जेपी नगर के लोगों का कहना है कि उस घटना का प्रभाव आज भी देखने को मिल रहा है।
लोगों का कहना है कि उनके गैस त्रासदी का प्रभाव उनके घर के बच्चों में देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि बच्चें कमजोर, अपंग और बीमार पैदा हो रहे है।
ज्यादातर बच्चों में अपंगता के लक्षण दिखाई देते है।
इस संबंध में भोपाल में इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की शोध संस्थान नेशनल इंवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का मानना है कि 2016 में गैस पीड़ितों के बच्चों पर शोध के दौरान जानकारी मिली कि बच्चों में विकृतियां देखने को मिल रही है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक 1048 गैस पीड़ित महिलाओं के बच्चों में 9 प्रतिशत तक विकृतियां पायी गयी।
इसके अलावा 1247 सामान्य महिलाओं के बच्चों में 1.3 फीसदी विकृति के लक्षण मिलें।
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