चीन में पढ़ रहे छात्रों पर पाकिस्तान की अनदेखी, सड़क पर उतरे लोग
चीन में पढ़ाई कर रहे पाकिस्तान के छात्रों को वापस लाने के लिए पाकिस्तानी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। छात्रों के परिजन सरकार के इस रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए सड़कों पर उतर आये।
दरअसल कोरोना वायरस से चीन में लगभग 1800 लोगों की मौत हो चुकी है और यह खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो चीन से निकलकर अन्य देशों में भी पहुंच रहा है। ताजा मामला ताइवान से उभर कर आया जहां कोरोना वायरस से एक की मौत की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस के खतरे से परेशान चीन में रह रहे छात्रों के परिजनों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि उनके बच्चों को वापस लाया जा सके।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि चीन के हुबेई में पाकिस्तान के करीब 1000 से ज्यादा छात्र रह रहे हैं और महामारी की तरह फैले इस कोरोना वायरस के भय से उनके परिजनों ने सरकार से छात्रों को वापस लाने के लिए मांग की है। मगर पाकिस्तान सरकार इस मुद्दे पर जिद पर अड़ा हुआ है और पाकिस्तान ने छात्रों को वापस लाने के लिए अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं किया है।
कोरोना वायरस के डर से परेशान छात्रों के परिजनों का कहना है कि जब भारत, बांग्लादेश, नेपाल जैसे तमाम पड़ोसी देश अपने नागरिकों और छात्रों को वापस ला रहे हैं तो पाकिस्तान सरकार ऐसा क्यों कर रही है।
इस मामले पर पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ज़फ़र मिर्जा ने छात्रों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि सरकार लगातार चीनी अधिकारियों के संपर्क में है और छात्रों की पल-पल की खबर ले रही है।
ज़फ़र मिर्जा ने जानकारी दी कि चीन में रह रहे पाकिस्तान के 6 नागरिकों में कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये थे लेकिन अब वह पूरी तरीके से स्वस्थ है।
पाकिस्तान ने पहले ही कह दिया है कि इस मुसीबत की घडी में चीन के साथ खड़ा है और चीन अपने आपको अलग न समझे इसलिए वो अपने लोगों को चीन से वापस नहीं ला रहा है।
न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।