इंतजार हुआ खत्म, आज भारत के लिए राफेल ने भरी उड़ान
आखिरकार लम्बे इंतजार के बाद राफेल विमान ने आज फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भरी है, 5 राफेल विमान बुधवार को भारत की धरती पर उतरेगें। इसके लिए अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर तैयारियां की जा रही है। राफेल विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होते ही भारतीय वायुसेना की शक्ति दुगनी बढ़ जाएगी।
जानिए क्या है खासियत
अन्य देशों के फाइटर विमान की अपेक्षा राफेल विमान कहीं अधिक अत्याधुनिक है। इस विमान की कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है। राफेल विमान में तीन तरह के मिसाइलें लगेंगी जिसमें हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल, हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल और तीसरी और तीसरी है हैमर मिसाइल।
इन मिसाइलों की मदद से राफेल विमान दुश्मन सेना पर कहर बरसायेगा। राफेल में लगी मीटियोर मिसाइल 150 किलोमीटर और स्कैल्प मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है जबकि हैमर एक ऐसी मिसाइल है जिसका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है।
यह मिसाइल आसमान से जमीन पर वार करने के लिए कारगर है। राफेल ऊंचाई हासिल करने में किसी भी देश के फाइटर विमान से कहीं आगे है।
राफेल का रेट ऑफ क्लाइम्ब 300 मीटर प्रति सेकंड है। राफेल विमान 1 मिनट में 18 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर जा सकता है।
राफेल विमान की स्पीड 2450 किलोमीटर प्रति घंटा यानी ध्वनि की गति से दुगनी है। इस विमान की एक खास बात यह भी है कि यह पहाड़ों पर कम जगह पर भी उतर सकता है।
इसे चलते हुए युद्धपोत पर भी उतारा जा सकता है। राफेल चारों तरफ निगरानी रखने में सक्षम है और इसका टारगेट बहुत ही अचूक होता है।
यह 1 मिनट के अंदर 36 से 60 हजार किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। एक बार फ्यूल भरने के बाद यह 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।
राफेल विमान में लगी गन 1 मिनट में 2500 फायर करने में सक्षम है। राफेल विमान का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एक बार में एक साथ 40 टारगेटों को पहचान कर सकता है।
न्यूज़ बकेट पत्रकारिता कर रहे छात्रों का एक छोटा सा समूह है, जो नियमित मनोरंजन गपशप के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसके अलावा विभिन्न त्योहारों और अनुष्ठानों में शामिल सौंदर्य, ज्ञान और अनुग्रह के ज्ञान का प्रसार करते हुए भारतीय समाज के लिए मूल्य का प्रसार करते हैं।