सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल
देश में बेकाबू हो रहे कोरोनावायरस क्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है कि आखिर उन निरक्षर व्यक्तियों का वैक्सीन पंजीकरण कैसे होगा, जिनके पास इंटरनेट नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस चंद्रचूड़ की अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण नीति का पालन किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने पूछा कि केंद्र कोविड-19 वैक्सीन की 100% खुराक क्यों नहीं खरीद रहा है?
कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि इस प्रकार की सूचना पर रोक लगाना अदालत की अवमानना मानी जाएगी और इस संबंध में सभी पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किया जाए।
कोर्ट ने कहा की सूचनाओं को मुक्त प्रवाह होना चाहिए, हमें नागरिकों की आवाज सुननी है। कोर्ट ने कहां कि अब डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी बिस्तर नहीं मिल रहा है।
साथ ही कहा कि इस बारे में कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए कि नागरिकों के द्वारा इंटर पर की जा रही शिकायतें गलत है।
उन्हीं के कारण काफी चीजें सामने निकल कर आ रही हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि टैंकरों और सिलेंडरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार क्या उपाय कर रही है?
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में जमीनी हकीकत कुछ और है वहां ऑक्सीजन वास्तव में उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि गुजरात और महाराष्ट्र में भी यही स्थिति है।
ऐसे में सरकार को हमें बताना होगा कि आज और सुनवाई के अगले दिन क्या अंतर होगा?
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