टेबलटॉप रनवे के कारण कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हुआ हादसा
केरल का कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर जिस प्रकार से विमान हादसा हुआ,उसका मुख्य कारण टेबल टॉप रनवे है। इस हादसे में दो पायलट समेत 18 लोगों के मारे गए। यह विमान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के मिशन में लगे एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान बारिश के चलते रनवे पर फिसल गया और 35 फुट नीचे खाई में जा गिरा।
आइए जानते हैं क्या होता है टेबलटॉप रनवे
दरअसल पहाड़ी क्षेत्र में स्थित एयरपोर्ट पर टेबलटॉप रनवे बनाया जाता है। यह रनवे आम एयरपोर्ट के रनवे की अपेक्षा काफी छोटा होता है।
इन रनवे पर प्लेन उतारने वाले पायलट को भी खास प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है क्योंकि इन रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई होती है जिससे बारिश और धुंध के मौसम में दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
आमतौर पर एयरपोर्ट पर रनवे 240 मीटर चौड़ा होना चाहिए जबकि कालीकट हवाई अड्डे पर रनवे सिर्फ 90 मीटर का ही है ऐसे में लैंडिंग के समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
आइए जानें भारत में टेबल टॉप रन में कहां कहां स्थित है
भारत में टेबल टॉप रनवे पहाड़ी क्षेत्रों पर 3 जगहों पर ही है। केरल का कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (कोझीकोड), मंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर्नाटक और मिजोरम में लिंगपुई एयरपोर्ट शामिल है।
पहाड़ी इलाका होने के कारण जब पायलट लैंडिंग करता है तो मैदानी इलाकों की तरह ही दृष्टि भम हो जाने के कारण बारिश और धुंध में लैंडिंग करवाना खतरनाक हो जाता है।
भारत में टेबलटॉप रनवे हादसा
इससे पहले साल 2010 मेंगलुरु इंटरनेशल एयरपोर्ट पर दुबई से आ रहा एयर इंडिया का विमान रनवे पर फिसल कर गहरी खाई में जा गिरा था. इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे. विमान में क्रू मेंबर्स समेत 166 लोग सवार थे.
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