2 वर्ष बाद प्रस्ताव को मिली मंजूरी, जिले को केंद्रीय विद्यालय की मिली सौगात
ज्ञानपुर, वाराणसी: केंद्रीय विद्यालय के निर्माण का रास्ता केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जिले के पिपरिस में अब साफ़ हो गया हैं। जिला प्रशासन की तरफ से पिपरिस में विद्यालय के नाम पर 10 एकड़ जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा गया था। शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय के मिल जाने से जिले को एक और सौगात मिल गई।
एशिया का एकमात्र टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट जो कि आईआईसीटी भदोही में स्थित है और जो कि मुलायम और मखमली कालीनों के लिए विश्व भर में विख्यात हैं। इन सबके साथ ही यहां पर एक तरफ जहां अति प्राचीन आजादी के समय का काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थित है वहीं दूसरी तरफ जवाहर नवोदय भी स्थित हैं।
परऊपुर में सांसद वीरेंद्र सिंह ने 2015 में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव बनाया था पर वहां पर जमीन नहीं मिल पाई थी। इन सबके बाद उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को केंद्रीय विद्यालय के लिए पिपरिस में 10 एकड़ भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा था।
2 वर्ष बाद प्रस्ताव को मिली मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को तकरीबन 2 वर्ष बाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, जिस वजह से जिले को केंद्रीय विद्यालय की सौगात मिल चुकी हैं। बेहतर शिक्षा की कड़ी में जिले में एक और अनमोल नगीना जुड़ चुका हैं। देश में तकरीबन एक हजार केंद्रीय विद्यालय हैं यह स्वयं सांसद ने कहा हैं।
हम आपको इस बात से रुबरु करवा दे कि सिर्फ 12 विद्यालयों को ही कैबिनेट में मंजूरी दी गई हैं। जिसमें भदोही भी सम्मलित हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया हैं कि अस्थाई रूप से आगामी सत्र से कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। संस्था का चयन होने के बाद कार्यदायी निर्माण की लागत भी तय हो गई हैं।