वाराणसी: कोनिया इलाके में गंगा से कटान शुरू
सीतामढ़ी, वाराणसी: कोनिया में इन दिनों गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं जिस वजह से किसानों की बर्बादी शुरू हो गई हैं। कोनिया क्षेत्र के तीनो ओर से गंगा से घिरे होने के कारण से भी कोनिया क्षेत्र के छेछुआ एवं भुर्रा गांवों में गंगा की तेज धाराओं के कारण किसानों की कृषि योग्य उपजाऊ भूमि भी कटान की भेंट चढ़नी प्रारंभ हो चुकी है। आधा बिस्सा भूमि दो दिनों में तकरीबन – तकरीबन गंगा की धाराओं में ही बह गई हैं।
गंगा कटान की समस्या से निपटने के लिए बृहस्पतिवार को नाराज किसानों ने प्रशासनिक इंतजाम करने के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया। बारिश जो की पिछले 11 दिनों से हो रही हैं एवं हरियाणा से छोड़े गए पानी के चलते गंगा का जलस्तर निरंतर बढ़ते ही जा रहा है।
बुधवार की शाम से करीब 73 मीटर पर ही जलस्तर स्थिर है, पर गंगा की कुपित धाराओं ने उपजाऊ भूमि को भी रेतना प्रारंभ कर दिया है। बीते पांच दशको से कोनिया में प्रारंभ हुई गंगा कटान के चलते वर्तमान में इसका एक विभीषिका रूप ले लिया है।
छेछुआ एवं भुर्रा गांवों में किसानों की उपजाऊ भूमि बरसात में गंगा में उफान आने के कारण गंगा में समाने लगती है। इस भूमि पर कभी पेड़ पौधे एवं फसलें लहराया करती थीं पर आज यहां पर गंगा का जलप्रभाव होता रहता है।
शासन, प्रशासन की तरफ से नहीं किये जा रहे हैं कारगर उपाय
पिछले कई सालों से दोनों गांवों के किसानों की सैकड़ों बीघे की उपजाऊ भूमि गंगा की धाराओं में विलीन हो चुकी है ऐसा कहना है छेछुआ के किसानों का। शासन एवं प्रशासन की तरफ से आज तक कोई भी कारगर उपाय नहीं किए गए हैं दोनों ही गांवों के किसानों की बर्बादी को रोकने के लिए।
शासन एवं प्रशासन से कटान रोकने की मांग किसानो द्वारा प्रदर्शन करते हुए की गई हैं। जिनमें शामिल हुए किसानों में नवनीत सिंह, कृष्ण कुमार, सचिन सिंह, संदीप यादव, बुद्धू विश्वकर्मा, किसान दशरथ सिंह, जगदीश सिंह, विष्णु कुमार, भूपेंद्र सिंह, बलराम सिंह, राहुल सिंह, रतन सिंह अन्य भी सम्मलित रहें।