वाराणसी: अस्सी घाट के ऊपर पहुंचा पानी, वरुणा का पानी बस्तियों में घुसा
वाराणसी: निरन्तर हो रही बरसात के चलते गंगा और वरुणा नदी उफान पर हैं। जिस गति के साथ निरन्तर गंगा में जलस्तर बढ़ रहा है उस तरह से इलाहाबाद से लेकर वाराणसी तक गंगा खतरे के निशान को पार कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो तट से सटे हजारों एकड़ खेत एवं रिहाइशी इलाके बाढ़ की चपेट में वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर सहित इलाहाबाद,बलिया में आ जाएंगे। गंगा की लगातार बढ़ोतरी को देखकर के लोगो को पुराना गंगा के तबाही का नजारा भी याद आ रहा है।
लोग जलस्तर बढ़ने के कारण कर रहे है सामान इक्कठा
गंगा का पानी धीरे धीरे गंगा के बढ़ाव से पटेल नगर में स्थित नाले से भी आगे बढ़ने लगा है। लगातार गंगा के बढ़ते हुए जलस्तर को देखकर लोग जो की सामनेघाट, नगवा क्षेत्र में रह रहे हैं अपना सामान इक्कठा करने में लग गए हैं। अधिवक्ता नमिता झा नगवां स्थित गंगोत्री विहार निवासी ने बताया हैं कि हम सभी सामान की पैकिंग में लगे हुए हैं। यदि पानी इसी तरह से बढ़ता रहा तो हम घर में ताला लगाकर चले जाएंगे।
करीबन 48 घंटों में डेढ़ मीटर तक बढ़ा है गंगा जलस्तर
वही पिछली बार अधिवक्ता राकेश तिवारी सामनेघाट के कृष्णा नगर निवासी ने भी यह प्रहार झेला था। इस कारण वह इस बार सतर्क भी हैं। दूसरी मंजिल पर घर का सारा सामान शिफ्ट कर लिया है। साथ ही उनके आस-पास के लोग भी ऐसा ही करते नजर आ रहे हैं। वही गंगा का जलस्तर तकरीबन 48 घंटों में डेढ़ मीटर तक की बढ़ चुका है। बाढ़ के डर से गंगा तट के एक किलोमीटर के दायरे में बसे लोगों ने घर खाली करने शुरू कर दिया हैं। सुबह-ए-बनारस का मंच पानी बढ़ने से अस्सी घाट पर डूब गया एवं शीतला माता का मंदिर जो की दशाश्वमेध घाट पर है वह मंदिर भी डूब गया है।
मकान घिरे बाढ़ के पानी से
नक्खी घाट, कोनिया और विजईपुरा इलाके में वरुणा नदी का पानी घुसना प्रारंभ हो गया है। नदी तट के तकरीबन नक्खी घाट इलाके में दो दर्जन से ज्यादा मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। भूतल छोड़ कर ऊपरी मंजिल पर लोग परिवार सहित चले गए हैं। वहीं खतरे के निशान से सिर्फ तो मीटर नीचे गंगा है।