वाराणसी: किन्नरों द्वारा किया पिंडदान

वाराणसी: किन्नरों द्वारा किया पिंडदान

वाराणसी: प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी किन्नरों द्वारा आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया गया। इस संबंध में किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि यह पिंडदान किन्नरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है किन्नरों की व्यथा बहुत दुखदायी होती है।

मंगलवार को किया गया पिंडदान

मंगलवार को पिंडदान के दौरान पिशाच मोचन कुंड पर उन्होंने कहा कि किन्नरों की जिंदगी बहुत ज्यादा दुखभरी होती है। उनके खुद के लोग उनका परित्याग कर देते है जब उन्हें इस बात का पता चलता है कि वह किन्नर है। इन सबके बाद भी उनकी समस्या ख़तम नहीं होती बल्कि उन्हें खुद के घर तक को छोड़ना पड़ता है।

अंतिम संस्कार तक में आती है समस्या

सिर्फ इतना ही नहीं हम लोगों को तो अंतिम संस्कार तक करने में समस्या आती है क्योंकि समाज ने हम लोगों के साथ ऐसा कर दिया है। अगर हम अपने परिजनों के पास भी अस्थि लेकर जाते है तो वह अस्थि लेने तक से मना कर देते है। इस वजह से ही किन्नरों की भटकती आत्माओं को मोक्ष दिलाने के लिए यह आयोजन किया जाता है।

तीन वर्षों से लगातार हो रहा है यह आयोजन

हम आपको बताते चले कि निरंतर तीन वर्षों से यहां पर यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह परंपरा कोई नई नहीं है। शिखंडी ने किन्नरों की आत्मा की शांति के लिए महाभारत काल में भी पिंडदान किया था। तब से ही यह परंपरा चलती चली आ रही है।

इलाहाबाद में भी करेंगे शाही स्नान

वहीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि किन्नर समाज के लोग इलाहाबाद में लगने वाले कुंभ में भी शाही स्नान करेंगे। इस दौरान पेशवाई भी बाकि अखाड़ों की तरह धूमधाम से निकाली जाएगी। इसके लिए तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी उनके द्वारा ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने की मांग रखी गयी है।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.

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