वाराणसी: पुलिस की कार्यशैली पर लगाए गए प्रश्न चिन्ह, इन वजहों से हो रही है बड़ी घटनाएं
वाराणसी: पुलिस को निरोधात्मक कार्रवाई का अधिकार आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर लगाम लगाने के लिए मिला हुआ हैं। ऐसा भी माना जाता है कि आपराधिक घटनाओं में काफी हद तक इस प्रकार की कार्रवाई से कमी की जा सकती हैं। बनारस के नौ थानों का रवैया निरोधात्मक कार्रवाई के प्रति जिले के देहात क्षेत्र का अभी भी जरा सा भी गंभीर नहीं है।
कार्यपद्धिती पर भी लगे प्रश्न चिन्ह
इस वजह से ही मिल्कोपुर का छोटा विवाद पिता-पुत्र हत्याकांड, रजनहिया डबल मर्डर जैसी बड़ी आपराधिक घटना की वजह बन रहें हैं। जिसको लेकर वह पुलिस जो की देहात क्षेत्र में तैनात है की कार्यपद्धिती पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया हैं।
निरोधात्मक कार्रवाई इस वर्ष पहले जितनी नहीं हुई
हम आपको बताते चले कि देहात क्षेत्र के नौ थानों की पुलिस द्वारा द्वारा शस्त्र अधिनियम सहित जुआ अधिनियम, गुंडा एक्ट,आबकारी अधिनियम, गैंगेस्टर एक्ट, सदाचार की प्रतिभूति लेने जैसी निरोधात्मक कार्रवाई एक जनवरी से लेकर 15 सितंबर 2017 के बीच जितनी भी हुई थी उतनी इस साल 15 सितंबर तक भी नहीं की गई।
लोगों को किया जरा रहा है इस पर जागरूक
वहीं विजय सिंह मीना आईजी रेंज द्वारा कहा गया कि निरोधात्मक कार्रवाई को लेकर हर कीमत पर थानाध्यक्षों के स्तर से हर हाल में गंभीरता से लिया जाए। बीच-बीच में इस विषय पर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष इसको लेकर कार्रवाई की जद में आएंगे।
कम हुई कार्रवाई पिछले वर्ष से
साल 2017 में 54 पर शस्त्र अधिनियम, जुआ अधिनियम 53 पर, गुंडा एक्ट 169 पर, आबकारी अधिनियम 181 पर एवं गैंगेस्टर एक्ट के तहत 16 पर कार्रवाई करने सहित 11 लोगों को पाबंदित किया गया।
साल 2018 से अब तक शस्त्र अधिनियम 44 पर, जुआ अधिनियम 13 पर व आबकारी अधिनियम 155 पर, गुंडा एक्ट 84 पर एवं गैंगेस्टर एक्ट आठ पर के तहत कार्रवाई किए जाने के साथ ही संदिग्ध लगाने वाले चार लोगों को भी पाबंदित किया। क्षेत्राधिकारियों और एडिशनल एसपी पर पुलिस महकमे के आला अफसरों ने देहात क्षेत्र के थानेदारों की निरोधात्मक कार्रवाई की धीमी गति देख कर कार्यशैली के साथ ही पर्यवेक्षण पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करते हुए ध्यान देने को कहा है।