बंदरों द्वारा किये गए उछलकूद से गिरा अविमुक्तेश्वर महादेव का शिखर
वाराणसी। बंदरों द्वारा किये गए उछलकूद के कारण 29 सितंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र परिसर स्थित अविमुक्तेश्वर महादेव का मंदिर के शिखर का कलश गुरुवार की दोपहर में गिर गया। मंदिर क्षेत्र में बंदरों द्वारा अक्सर उछल कूद किया जाता है। उनके के उछलकूद के चलते ही 29 सितंबर को भी इसी मंदिर के शिखर का पीतल का कलश गिर गया था, जिसकी जानकारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट को दी गई। जानकारी देने के बाद मजिस्ट्रेट द्वारा उस कलश को भी रखवा दिया गया था। जबकि उससे दो दिन पूर्व मंदिर के स्वर्ण शिखर का करीब एक फुट का टुकड़ा शिखर से अलग होकर गिर गया था। इसे कड़ी सुरक्षा में मंदिर कार्यालय में रखवाया गया। बंदरो दवारा मचाये गए उत्पात से वहाँ के नागरिकों एवं दुकानदारों को भी खासा दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।
बंदरों से परेशान है नागरिक एवं प्रशासन
बंदरों की उछलकूद से गुरुवार दोपहर दो बजे के करीब पर यह घटना घटी। कलश के गिरते ही मंदिर प्रशासन सक्रिय हो गया। जब कलश गिरा तो इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दे दी गई। सूचना मिलने के बाद अधिकारियों ने उसे उठाकर मंदिर कार्यालय में सुरक्षित रखवाया दिया। विश्वनाथ मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के दो स्वर्ण जडि़त शिखर के अलावा अगल बगल छह से सात छोटे बड़े मंदिर हैं। वहीं मंदिर परिसर में बंदरों की संख्या भी काफी अधिक हैं। उनके उछल कूद से अक्सर तार लाइट और अन्य चीजें टूट जाती हैं। बंदरों ने यहाँ पर अपने हरकतों से लोगो को परेशान कर रखा है। प्रशासन भी बंदरो द्वारा मचाये गए उछल कूद से परेशान है।