काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का मार्ग 31 अक्तूबर तक साफ होना है मुश्किल
वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लिए मार्ग के भवनों को हटाए जाने की समयाअवधि में अब मात्र चार दिन ही बचे हुए है पर दस फीसदी ही ध्वस्तीकरण का काम अभी तक हो सका है। इस स्थिति को देखते हुए 31 अक्तूबर की डेडलाइन तक यह काम पूरा होना असंभव सा लगता है। जबकि मजदूरों की संख्या प्रशासन ने ध्वस्तीकरण के काम को पूरा करने के लिए दोगुनी भी कर दी है।
146 भवनों को तोड़ने का है लक्ष्य
बता दे कि 31 अक्तूबर तक मंदिर प्रशासन की तरफ से 146 भवनों को तोड़ने का लक्ष्य निर्धारित हुआ था। अभी मात्र 15 भवनों को ही सम्पूर्ण तरीके से तोड़ा जा सका है। वहीं मलवा हटाने सहित 60 भवनों को तोड़ने का भी काम जारी है। इस स्थिति में आधा काम भी तयशुदा समाया पर पूरा हो सके ऐसा नहीं लगता है।
3 की रजिस्ट्री की जा चुकी है
हम आपको बताते चले कि कॉरिडोर में कुल 296 भवन मणिकर्णिकाघाट और दशाश्वमेध से मंदिर तक 25 हजार वर्ग मीटर में बनने वाले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में आ रहे हैं। जबकि इनमें से जहां निजी संपत्तियां 227 है वहीं मंदिर प्रशासन के नाम 146 की रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं। सेवईत के 31 भवनों में से जहां 11 को राजीनामा सहित सहमति के आधार पर भी ले लिया गया हैं। इन सबके अलावा प्रस्तावित कॉरिडोर क्षेत्र में अभी जहां 21 ट्रस्ट है वहीं पांच नगर निगम की जमीन सहित 13 मंदिर भी हैं। जिनमें से 3 की रजिस्ट्री की जा चुकी है। इस स्थिति में मंदिर प्रशासन के पास कुल 163 संपत्तियां आ चुकी हैं। अब इनके ध्वस्तीकरण का कार्य चल रहा है।
भवन ज्यादातर जर्जर है
कॉरिडोर को लेकर खरीदे गए भवन ज्यादातर जर्जर होने सहित संकरी गलियों में हैं। इस स्थिति में अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है भवनों को तोड़ने में। यहां पर जो भी भवन टूटेंगे वह अपनी चपेट में अन्य भवनों को भी ले सकते है इस कारण बहुत जरूरी सावधानी की। वहीं दूसरी तरफ रात में मात्र चार घंटे ही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ध्वस्तीकरण का काम किया जा रहा है।
अगले महीने कॉरिडोर निर्माण कार्य होगा प्रारम्भ
बता दे कि अगले महीने प्रस्ताव के अनुसार कॉरिडोर निर्माण का कार्य प्रारम्भ होना है। इसका शिलान्यास पीएम मोदी करेंगे। यदि ध्वस्तीकरण काम में देर होती है तो इसका असर निर्माण कार्य पर भी पड़ेगा और काम में विलंब होगा।