वाराणसी: आठ नवंबर तक रामनगर आएगा पहला जलपोत
वाराणसी: इसी माह से गंगा में जल परिवहन प्रारम्भ होने की है उम्मीद। सात-आठ नवंबर तक शहर में गंगा के मार्ग से होते हुए पहला जलपोत पहुंचेगा। बता दे कि 28 अक्तूबर को जलपोत कोलकाता से चल चुका है। पेप्सिको के 16 कंटेनर इस जलपोत पर लदे हुए हैं।
आईडब्ल्यूएआई ने ट्विटर पर सांझा की जानकारी
बता दे कि 1390 किलोमीटर की दूरी वाराणसी से हल्दिया (पश्चिम बंगाल) के बीच जलमार्ग की है। यह जानकारी इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) ने ट्विटर पर सांझा की है।
बनारस से रवाना किये गए थे दो जलपोत
जल परिवहन के लिए परीक्षण की शुरुआत के दौरान गंगा में वाराणसी से हल्दिया तक दो जलपोत हल्दिया के लिए बनारस से ही रवाना किए गए थे। खिड़किया घाट से हरी झंडी दिखाकर दो जलपोतों में मारुति कारों सहित भवन निर्माण की सामग्री 12 अगस्त, 2016 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा रवाना की गई थी। मल्टी मॉडल टर्मिनल की आधारशिला भी इन सबके ही बीच रखी गई थीं।
खानपान की सामग्री जलपोत पर है लदी
वाराणसी के लिए पहली बार जलपोत कोलकाता से रवाना किया गया है। खानपान की सामग्री नेशनल वाटरवेज-1 के रास्ते आ रहे जलपोत पर लदी हुई है। वाराणसी में इसके नौ-दस दिन में पहुंचने की उम्मीद है। कंटेनर रामनगर के राल्हूपुर में तकरीबन तैयार मल्टी मॉडल टर्मिनल पर उतारे जाने की उम्मीद है। इफ्को द्वारा निर्मित उर्वरक लेकर वाराणसी से यही जलपोत वापस लौटेंगे।
हाल में कछुआ सेंक्चुअरी का मामला सुलझा
अभी हाल में ही जल मार्ग की राह में बाधा बन रही कछुआ सेंक्चुअरी का मामला सुलझ सका है। रामनगर से इसकी शुरुआत ट्रायल के दौरान कछुआ सेंक्चुअरी में दो घंटे की समय सीमा के नियम के कारण ही नहीं हो सकी थी।