प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान 10 दिवसीय शिल्प बाजार का हुआ प्रारम्भ
वाराणसी: ‘मेगा शिल्प बाजार’ प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान सजेगा। विदेशी मेहमान भारत का समृद्ध शिल्प चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल सहित बड़ा लालपुर के दीन दयाल हस्तकला संकुल में भी देख सकेंगे।
10 दिवसीय शिल्प बाजार का हुआ प्रारम्भ
बता दे कि मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने यह घोषणा की। उन्होंने मंगलवार को शिल्प बाजार का उद्घाटन सांस्कृतिक संकुल परिसर में करने के बाद उसे संबोधित भी किया। इसी के साथ 29 नवंबर तक चलने वाला 10 दिवसीय शिल्प बाजार प्रारम्भ हो गया।
17 प्रदेशों के शिल्पी दर्ज करा रहे उपस्थिति
17 प्रदेशों के शिल्पी शिल्प बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इनमें से जो मुख्य शिल्पी हैं उनमें राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश सम्मलित हैं। कुल 276 स्टॉल इसमें लगाए गए हैं।
विदेशी पर्यटकों का प्रवेश है नि:शुल्क
हम आपको बता दे कि शिल्प मेले में शिल्पी चर्मशिल्प सहित जूट क्राफ्ट, हैंड प्रिंटेड, टेक्सटाइल्स, बीड्स वर्ग, धातुशिल्प, पैचवर्क, इंब्राइडरी, जरी क्राफ्ट, ज्वेलरी, वुड कार्बिंग, ब्लू आर्ट पाटरी व अन्य से संबंधित उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। 10 रुपये प्रवेश शुल्क शिल्प बाजार का रखा गया है वहीं विदेशी पर्यटकों सहित दस वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रवेश नि:शुल्क है।
सुरक्षा व्यवस्था का भी किया गया इंतजाम
सिर्फ इतना ही नहीं खानपान के भी स्टाल शिल्प मेले में लगाए गए हैं। जहां पर लोग भिन्न भिन्न तरह के व्यंजनों का स्वाद चख सकते है। सुरक्षा की दृष्टि से शिल्पियों तथा आगंतुकों के लिए शिल्प बाजार स्थल पर अग्निशमन सहित प्राथमिक चिकित्सा व अस्थाई पुलिस चौकी आदि की भी व्यवस्था कर दी गई है।