Ashutosh Tandon: डिग्री के बाद डाक्टरों को सरकारी अस्पतालों में प्रैक्टिस अनिवार्य होगी

Ashutosh Tandon: डिग्री के बाद डाक्टरों को सरकारी अस्पतालों में प्रैक्टिस अनिवार्य होगी

उत्तर प्रदेश के तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री Ashutosh Tandon ने कहा कि सरकारी कॉलेजों से मेडिकल की डिग्री लेने वाले छात्रों को डॉक्टरों की कमी पूरा करने के लिए सरकारी अस्पतालों में कम से कम दो वर्षों तक सेवा देना अनिवार्य किया गया है। जिसको लेकर छात्रों से बांड प्रवेश के दौरान ही भरवाए जाएंगे।

सुविधाओं को किया जाएगा ज्यादा बेहतर

उन्होंने आगे कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से तकनीकी सुविधा केंद्रों को भी लैस कर दिया जाएगा। सुविधाओं को और भी ज्यादा बेहतर मेडिकल कॉलेजों में किया जाएगा। इन सबके साथ ही कैंपस प्लेसमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेजों में किया जाएगा। प्रेसवार्ता के दौरान गुरुवार को सर्किट हाउस में उन्होंने कहा कि जुलाई अगस्त तक पांच मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ हो जाएंगे। जिनमें सम्मलित हैं फैजाबाद, फिरोजाबाद बस्ती, बहराइच व सुल्तानपुर। वहीं मेडिकल कालेज ढाई वर्षों में बनकर निर्मित हो गया है। वहीं दिसंबर में छह से सात मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास होगा। जिनमें जो जिले सम्मलित है उनमें गाजीपुर सहित प्रतापगढ़, फतेहपुर, एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर भी हैं।

पीजीआई में बढ़ाई जा रही बेड की संख्या

उन्होंने बताया कि दो से तीन वर्ष देश में 100 मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ होने में लग सकते हैं। ये सभी पांच वर्षों के बाद बेहतर तरीके से कार्य करेंगे। वहीं लगभग आठ से दस वर्षों बाद स्थिति बेहतर होगी। इन सबके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बेड की संख्या लखनऊ के पीजीआई में बढ़ाई जा रही है। वहीं 985 बेड अभी हैं। जिनमें बढ़ाए जा रहे बेडों की संख्या 700 हैं। बताया कि सेवानिवृत्त मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों को रोके जाने के लिए सवा तीन लाख रुपये महीना तक दिए जा रहे है फिर भी निजी संस्थानों की तरफ डाक्टर चले जाते हैं।

Mithilesh Patel

After completing B.Tech from NIET and MBA from Cardiff University, Mithilesh Patel did Journalism and now he writes as an independent journalist.