नेपाल के प्रधानमंत्री के लिए हुआ बुद्धि- शुद्धि यज्ञ
वाराणसी। आज वाराणसी के संत समाज ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भगवान राम पर दिए गए विवादास्पद बयान पर नाराजगी जताते हुए कैलाश पुरी मठ में बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया।
संतो ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली ने जिस प्रकार भगवान श्रीराम को लेकर के बेतुकी बयान बाजी की है, उससे भारतीयों की आस्था को ठेस पहुंची है।
संतो ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री को इस बयानबाजी के लिए अपने पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ भारत से माफी मांगनी चाहिए।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल के पूर्व नरेश द्वारा स्थापित वाराणसी के कैलाश पुरी मठ में संतों द्वारा नेपाल के प्रधानमंत्री के बुद्धि शुद्धि के लिए शांति यज्ञ किया गया। वाराणसी में स्थित या कैलाशपुरी मठ की स्थापना 1846 में हुई थी।
संतों ने नेपाली प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि नेपाल सरकार चीन के बहकावे में आ गई है जिसको लेकर वह भारत के साथ विरोध करने पर उतारू है और इसी प्रकार भारत विरोधी बयान देते जा रहे हैं।
जबकि भारत नेपाल से कभी भी अलग होने की बात नहीं कहता। आज भी बिना वीजा के लोग भारत से नेपाल आते जाते रहते हैं।
बड़ी संख्या में नेपाल की आबादी भारत में रहती है और यहां पर रोजगार के संसाधन तलाशती रही है। उसके बावजूद भी नेपाल के प्रधानमंत्री इस प्रकार के विवादित बयान देकर भारत और नेपाल के संबंधों को तनावपूर्ण स्थिति में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ओली के द्वारा भगवान श्री राम पर दिए गए विवादित बयान पर संतों ने कहा कि भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या भारत में ही है और माता सीता की जन्म स्थाली नेपाल में स्थित है जिसे कभी भी नकारा नहीं जा सकता।
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