मंत्री नील कंठ तिवारी के आदेश के बाद नगर निगम बैक फुट पर 

मंत्री नील कंठ तिवारी के आदेश के बाद नगर निगम बैक फुट पर 

वाराणसी। वाराणसी के तीर्थ पुरोहितों पर नगर निगम के द्वारा टैक्स लगाने का आदेश दिया गया था, जिस पर वाराणसी के संत समिति ने कड़ा विरोध जताया है। 

संत समिति ने इसे जजिया कर बताया। संत समिति ने कहा कि पीएम और सीएम की छवि को खराब करने के लिए इस प्रकार का टैक्स लगाया गया है। 

दरअसल नगर निगम द्वारा घाटों के रखरखाव के लिए गंगा घाटों के आयोजनों पर शुल्क देने की बात कही गई थी।

साथ ही आरती के आयोजकों को सालाना 5 हजार रूपये तक का शुल्क देने का निर्देश दिया गया था और घाट के पंडो को 100 रूपये सालाना कर निर्धारित किया गया। 

जिसका संत समाज ने विरोध किया। इस विरोध में समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा के नेतृत्व में सपा पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने टैक्स हटाने की मांग की और अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा को पत्र भी सौंपा। 

इस पूरे मामले ने तब तूल पकड़ा जब धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी ने नगर निगम के आदेश को प्रतिबंधित कर दिया।

मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि गंगा के घाटों पर परंपरागत तरीके से पूजा पाठ और धार्मिक कार्य एवं कर्मकांड करने वाले पंडा समाज को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 

उनसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। पंडा समाज के लोग अपनी इच्छा अनुसार रजिस्टर रजिस्ट्रेशन कराएं अन्यथा इसके लिए भी कोई बाध्यता नहीं है। 

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Vikas Srivastava

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