पिज्जा डिलीवरी के मॉडल पर चलेगी ट्रेनें, लेट होने पर मिलेगा मुआवजा
भारतीय ट्रेनों की लेट लतीफी से सभी वाकिफ है और ऐसे में भारतीय रेलवे ने अब रेलवे की कमाई में इजाफा करने के लिए नए पिज्जा सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया है।
रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को डिवेलप करने के लिए लाइनों की डबलिंग, ट्रिपलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन कराया है।
दरअसल यह मॉडल इंडियन रेलवे की माल गाड़ियों को वक्त पर समान की डिलीवरी के लिए तैयार किया गया है। ऐसे में अगर सामान की डिलीवरी समय पर नहीं हुई तो रेलवे को उसका मुआवजा देना होगा।
देर होने के आधार पर यह मुआवजा तय किया जाएगा। फिलहाल यह पिज्जा डिलीवरी मॉडल कुछ सेक्टर्स में ही लागू होगा। जैसे जैसे डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पूरा होगा इस सिस्टम को आगे बढ़ाया जाएगा।
रेलवे ने अपनी कमाई को बढ़ाने की उम्मीद से इस सिस्टम को लागू किया है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा कंपनियां रेलवे से ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करती हैं और रेलवे के द्वारा होने वाली लेट लतीफी के कारण वे प्राइवेट ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल करती हैं।
ऐसे में ज्यादा से ज्यादा कंपनियों की रेलवे ट्रांसपोर्ट में इजाफे के लिए इस सिस्टम को लागू किया जाएगा। इससे ई-कॉमर्स, ऑटो सेक्टर और फार्मा सेक्टर से रेलवे की कमाई बढ़ेगी और स्टील, सीमेंट और कोयला की कंपनियां वापस रेलवे की तरफ अपना रुख करेंगी।
भारतीय रेलवे की तैयारियां इस प्रकार है कि वह माल गाड़ियों की औसत स्पीड को 23 किलोमीटर से बढ़ाकर 46 किलोमीटर प्रति घंटा करेगी।
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