वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन 

वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन 

वाराणसी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में आज वाराणसी में प्रबंध निदेशालय कार्यालय के प्रांगण सहित पूर्वांचल के सभी जनपदों में बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने विरोध सभाएं कर निजी करण का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग की।

विरोध सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण के विघटन व निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया गया और इस दिशा में सरकार की ओर से कोई भी कदम उठाया नहीं गया तो ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर व अभियंता उसी समय अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ करने हेतु बाध्य होंगे।

संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन से विगत में किए गए निजी करण के प्रयोगों की विफलता की समीक्षा करने की अपील की किंतु प्रबंध निजी करण और फ्रेंचाइजी की विफलताओं पर कोई समीक्षा करने को तैयार नहीं है।

संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों का कहना है कि दिसंबर 1993 से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का निजीकरण किया गया और अप्रैल 2020 में आगरा शहर की बिजली व्यवस्था टोरेंट फ्रेंचाइजी को दी गई और यह दोनों प्रयोग विफल रहे हैं इन प्रयोगों के चलते पावर कारपोरेशन को अरबों खरबों रुपए का घाटा हुआ है।

प्रदर्शन कर रहे शैलेंद्र दुबे का कहना है कि 23 जुलाई को केंद्रीय विद्युत मंत्री लखनऊ आए थे और एक बैठक कर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तीन टुकड़े करके निजी हाथों में बेच दिया जाएगा यही कारण है कि आज हम लोग यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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Vikas Srivastava

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